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दिल्ली के स्कूलों को मिल रही बम धमकियों से अब निपटेंगे टीचर्स, पुलिस देगी प्रशिक्षण - SECURITY RESOLUTION PROGRAM

हॉक्स कॉल आने पर क्या करें स्कूल के टीचर, कार्यक्रम आयोजित कर दिल्ली पुलिस ने किया जागरूक, शिक्षकों और छात्रों को दी जाएगी ट्रेनिंग

हॉक्स कॉल आने पर क्या करें स्कूल के टीचर
हॉक्स कॉल आने पर क्या करें स्कूल के टीचर (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 23, 2024, 7:24 PM IST

नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में फर्जी बम धमकी और साइबर अपराध से जुड़ी घटनाओं ने सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है. स्कूलों को फर्जी बम धमकी और साइबर अपराध जैसे गंभीर मुद्दों से निपटने के लिए नई पहल की जा रही है. दिल्ली पुलिस को स्कूल के शिक्षकों और छात्रों को ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए प्रशिक्षण देने का कहा गया है. शाहदरा जिला के आनंद विहार इलाके में स्थित गुरु गोविंद सिंह विश्वविद्यालय में दिल्ली पुलिस की तरफ से सुरक्षा संकल्प कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजय कुमार सेन, शाहदरा जिला के डीपी प्रशांत गौतम के साथ ही शाहदरा जिला के तमाम वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.

इस कार्यक्रम के तहत क्राइम ब्रांच के एसीपी अनिल कुमार सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने कॉलेज के अध्यापकों को साइबर सुरक्षा, मादक पदार्थ के प्रति जागरूकता और हॉक कॉल के प्रति जागरूक किया. इस दौरान अध्यापकों की तरफ से कई सवाल भी पूछे गए, जिसका जवाब पुलिस अधिकारियों ने दिया.

दिल्ली पुलिस ने जागरूकता मुहिम चलाई (ETV Bharat)

हॉक्स कॉल आने पर क्या करें:

डीसीपी संजय कुमार सेन ने बताया कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच, शाहदरा जिला पुलिस ने शिक्षा विभाग के साथ मिलकर गुरु गोविंद सिंह यूनिवर्सिटी में अध्यापकों के लिए जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया. इस में साइबर अवेयरनेस, ड्रग्स के प्रति अवेयरनेस और हॉक्स कॉल आने पर टीचर्स का क्या कर्तव्य होता है उसके बारे में बताया गया.

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग मिलकर बच्चों के हित में जो भी आगे कार्य हो सकेंगे उसे तरीके से आगे बढ़ाएंगे. शाहदरा जिला के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रमों में काफी संख्या में शिक्षकों ने हिस्सा लिया. आने वाले समय में दूसरे शैक्षिक संस्थानों में भी इस तरीके के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जा सके

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