नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस ने लद्दाख भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे आइसा के सदस्यों को हिरासत में ले लिया है. वे जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे, जो लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने और अन्य मांगों को लेकर शीर्ष नेतृत्व से मिलने की मांग कर रहे हैं. आइसा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को समर्थन देने और धरने में शामिल होने जा रहे थे. इसलिए उन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया. पुलिस ने आइसा जेएनयू इकाई के अध्यक्ष रणविजय को भी हिरासत में लिया.
दरअसल, सोनम वांगचुक के नेतृत्व में लद्दाख के पदयात्री पिछले 17 दिनों से लद्दाख भवन में शांतिपूर्ण अनशन पर बैठे हैं. आइसा की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आइसा ने जलवायु न्याय तथा लद्दाख में लोकतंत्र की बहाली के लिए भूख हड़ताल का समर्थन किया. लद्दाख भवन के बाहर पुलिस की तैनाती ने कुछ लोगों को अनशन पर बैठे लोगों के साथ शामिल होने से रोक दिया. ये लोग शांतिपूर्वक बैरिकेड्स पर एकत्र हुए थे, फिर उन्हें पुलिस ने हिंसक तरीके से हिरासत में लिया और मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया. उसी समय जेएनयू के अन्य छात्र जो लद्दाख भवन आ रहे थे, उन्हें उत्तरी गेट पर हिरासत में लिया गया और वसंत कुंज पुलिस स्टेशन ले जाया गया.
आइसा की जेएनयू इकाई ने आरोप लगाया कि सरकार विकास के नाम पर शोषण के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए लोगों की वास्तविक मांगों की अनदेखी करती है. सरकार अपने कॉरपोरेट मित्रों के लाभ के लिए चुप्पी साधे रखती है और लद्दाख के संसाधनों का बेलगाम दोहन होने देती है.