नई दिल्ली:दिवाली का त्यौहार बीत जाने के बाद भी दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के हालात खराब होते जा रहे हैं. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक निशान को पार कर चुका है. दिल्ली एनसीआर में दिल्ली सबसे प्रदूषित शहर है. दिल्ली के सभी इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स रेड जोन में है.
वहीं, कई इलाके तो डार्क रेड जोन में पहुंच चुके हैं. फिलहाल, दिल्ली के हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण के लेवल में और बढ़ोतरी होने की संभावना है.
दिल्ली एनसीआर में दिवाली के बाद स्कूल तो खुले लेकिन प्रदूषण के लेवल को देखते हुए कई स्कूलों में मॉर्निंग असेंबली नहीं हुई. साथ ही आउटडोर एक्टिविटीज और पीटी पीरियड को भी कैंसिल कर दिया गया. पिछले वर्ष प्रदूषण के लेवल में इजाफा होने के बाद दिल्ली एनसीआर में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई थी.
दरअसल, छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए प्रदूषण सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है. सुबह के वक्त पार्कों में काफी चहल-पहल दिखाई देती थी लेकिन प्रदूषण के लेवल में हुए इजाफे के बाद लोग सुबह के वक्त पार्क में जाने से बच रहे हैं.
हर दिन प्रदूषण स्तर में इजाफा प्रदूषण की रोकथाम को लेकर तमाम दावे तो किये जा रहे हैं, लेकिन हर दिन प्रदूषण स्तर में हो रहा इजाफा सरकार और प्रशासन के दावों की पोल खोलता हुआ नजर आ रहा है. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का मुख्य कारण पश्चिम उत्तर प्रदेश और पंजाब हरियाणा में जल रही पराली, वाहनों से निकलने वाला धुआं और हवा की स्वस्थ रफ्तार है. औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले धुएं का भी प्रदूषण स्स्तर टार को बढ़ाने में अहम योगदान है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर के हालात बदतर हो रहे हैं. आने वाले दिनों में दिल्ली एनसीआर के लोगों को प्रदूषण से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है.
सांस के मरीजों की संख्या बढ़ी दिल्ली एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स में हो रही रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी के चलते अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल और संयुक्त अस्पताल में सांस के मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में तीन गुना तक पहुंच गई है. जो लोग पहले से अस्थमा की बीमारी से ग्रसित हैं उनके लिए प्रदूषण बेहद खतरनाक साबित हो रहा है. प्रदूषण ने बीमार लोगों को घरों में कैद कर दिया है.
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स की श्रेणी को कैसे जानें एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को गंभीर और 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मीटर ), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं.