नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने बीजेपी के निलंबित विधायकों को निर्देश दिया है कि वे विधानसभा के स्पीकर से मुलाकात करें. बुधवार को जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि अगर मामला नहीं सुलझता है तो मामले की कल दोपहर में फिर सुनवाई होगी. वहीं, सुनवाई के दौरान सात निलंबित विधायकों की ओर से कहा गया कि हमने उप-राज्यपाल से मिलकर माफी मांग ली है. विधायकों ने उप-राज्यपाल को दिए गए माफीनामे की प्रति भी कोर्ट को सौंपी.
विधायकों की ओर से पेश वकील जयंत मेहता ने कहा कि इस मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है. आम आदमी पार्टी के नेता इस मामले को सांसद राघव चड्ढा के निलंबन से जोड़कर देख रहे हैं. तक जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि कोर्ट राजनीतिक प्लेटफार्म नहीं है. विधायकों को स्पीकर से मुलाकात करना चाहिए.
इससे पहले 20 फरवरी को हुई सुनवाई में कोर्ट ने बीजेपी विधायकों से पूछा था कि क्या वे स्पीकर से मुलाकात कर और उप-राज्यपाल से माफी मांग सकते हैं. सुनवाई के दौरान विधानसभा स्पीकर ने सुझाव दिया था कि अगर बीजेपी विधायक उनसे मुलाकात करें और उप-राज्यपाल से माफी मांग ले तो इस विवाद का हल निकाला जा सकता है.
दरअसल, 15 फरवरी को दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान कथित तौर पर बाधा डालने के आरोप में सात बीजेपी विधायकों को निलंबित कर दिया गया था. आप विधायक दिलीप पांडेय ने विधानसभा में निलंबन का प्रस्ताव रखा, जिसे पारित कर दिया गया. स्पीकर रामनिवास गोयल ने विधायकों की ओर से बाधा डालने के मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया. जिन सात विधायकों को निलंबित किया गया, उनमें मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल वाजपेयी, जीतेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता शामिल हैं.
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