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दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसे के चार आरोपियों को हाईकोर्ट से मिली जमानत - Delhi Coaching Centre Deaths - DELHI COACHING CENTRE DEATHS

Delhi Coaching Centre Deaths: दिल्ली हाईकोर्ट ने कोचिंग सेंटर छात्रों की मौत मामले में 4 सह मालिकों को जमानत दे दी. बता दें, कोचिंग सेंटर के मालिकों की जमानत याचिका राऊज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज कर दी थी जिसके बाद चारों आरोपियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

चार आरोपियों की जमानत पर फैसला आज
चार आरोपियों की जमानत पर फैसला आज (SOURCE: ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 13, 2024, 2:24 PM IST

Updated : Sep 13, 2024, 4:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में RAU’S IAS स्टडी सर्कल में जलसैलाब से हुई तीन छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार चार सह-मालिकों को जमानत दे दी. जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने आरोपियों को रेडक्रास को पांच करोड़ रुपए जमा करने की शर्त पर जमानत देने का आदेश दिया.

कोर्ट ने LG से आग्रह किया कि वे हाईकोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन करे जो ये सुनिश्चित करेगी कि कोई भी कोचिंग सेंटर बिना वैध अनुमति के नहीं चलाया जा सके. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वो कोचिंग संचालित करने के लिए स्थान नीयत करें. हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपियों का अपराध माफी लायक नहीं है और ये उनके लालच को दर्शाता है. कोर्ट ने 12 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर 5 सितंबर को सीबीआई को नोटिस जारी किया था.

जिन आरोपियों ने जमानत याचिका दायर किया था, उनमें तेजिंदर सिंह, परविंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह शामिल है. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 23 अगस्त को इन चारों आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज करने का आदेश दिया था. इसी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. राऊज एवेन्यू कोर्ट में जमानत पर सुनवाई के दौरान कोचिंग के इन आरोपियों की ओर से पेश वकील ने कहा था कि जमानत याचिका पर भावनाओं से नहीं बल्कि मामले और कानून के तथ्यों के आधर पर सुनवाई की जाए. उन्होंने कहा था कि जब एजेंसी कार्रवाई नहीं करती तो यह भी अपराध का हिस्सा है. उन्होंने कहा था कि दिल्ली नगर निगम के अधिकारी सब कुछ जानते हैं लेकिन वो कुछ नहीं करते. सह-मालिकों के वकील ने कहा कि बड़े पैमाने पर जनता की भावनाओं को शांत करने के लिए निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसके लिए आरोपी कैसे जिम्मेदार हैं. क्या आरोपियों को फावड़ा उठाकर नालियों की सफाई शुरू कर देनी चाहिए.

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. इसके पहले तीस हजारी कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने चारों सह-मालिकों की जमानत याचिका का निस्तारण करते हुए कहा था कि अब ये मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया है, इसलिए याचिका सीबीआई कोर्ट में दाखिल करें. इस मामले में एक आरोपी और थार चालक मनुज कथूरिया को सेशंस कोर्ट पहले ही जमानत दे चुका है.

दिल्ली पुलिस ने 29 जुलाई को RAU’s IAS स्टडी सर्कल के चारो सह मालिकों और थार चालक को गिरफ्तार किया था. 28 जुलाई को कोचिंग के मालिक अभिषेक गुप्ता और कोआर्डिनेटर देशपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. थार चालक को छोड़कर सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं. दिल्ली पुलिस ने इन आरोपियों के अलावा बिल्डिंग मैनेजमेंट, सिस्टम की देखरेख करने वाले निगमकर्मियों और दूसरे आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया है. दिल्ली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 106(1), 115(2), 3(5) के तहत केस दर्ज किया है.

बता दें कि RAU’S IAS स्टडी सर्कल के बेसमेंट में लाइब्रेरी स्थित है. इस लाइब्रेरी में यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र पढ़ाई कर रहे थे. इस बेसमेंट में अचानक आए पानी में पढ़ाई कर रहे तीन छात्र फंस गए थे और इनकी मौत हो गई थी.

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Last Updated : Sep 13, 2024, 4:52 PM IST

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