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दिल्ली चुनावः राजौरी गार्डन का वो रोमांचक मुकाबला जिसमें मात्र 46 वोट से हुआ था हार जीत का फैसला - RAJOURI GARDEN SEAT

2008 में राजौरी गार्डन ही नहीं बल्कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के इतिहास में सबसे कम अंतर की हार जीत के रूप में दर्ज है.

2008 में राजौरी गार्डन का चुनावी किस्सा
2008 में राजौरी गार्डन का चुनावी किस्सा (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 26, 2025, 3:07 PM IST

Updated : Jan 26, 2025, 4:54 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली की आठवीं विधानसभा के गठन के लिए चुनावी चर्चा जोर शोर से चल रही है. इस चुनाव से पहले दिल्ली विधानसभा के लिए सात चुनाव हो चुके हैं. चुनाव के बीच दिल्ली के पुराने चुनावों के कुछ किस्से भी ताजा हो रहे हैं. इनमें से एक रोचक किस्सा राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से जुड़ा हुआ है. इसे दिल्ली विधानसभा चुनाव की एक दिलचस्प और ऐतिहासिक घटना कहें तो इसमें कोई दो राय नहीं होगी.

दरअसल, बात 2008 के विधानसभा चुनाव की है. इस विधानसभा चुनाव का परिणाम राजौरी गार्डन ही नहीं बल्कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के इतिहास में सबसे कम अंतर की हार जीत के रूप में दर्ज हो गया. 2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था. गठबंधन में राजौरी गार्डन सीट भाजपा ने शिरोमणी अकाली दल (मान) के लिए छोड़ दी थी. सिख बहुल सीट होने के चलते अकाली दल ने सिख नेता अवतार सिंह हित को मैदान में उतारा था.

मात्र 46 वोट से हार जीत का फैसला: इस सीट से कांग्रेस से दयानंद चंदेला ताल ठोक रहे थे. लेकिन, जब चुनाव परिणाम आया तो सभी दंग रह गए. दरअसल, मात्र 46 वोट से राजौरी गार्डन से अवतार सिंह हित चुनाव हार गए. कांग्रेस प्रत्याशी दयानंद चंदेला को जहां 31 हजार 130 वोट मिले थे तो वहीं, शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी अवतार सिंह हित को 31 हजार 84 वोट मिले थे. उस चुनाव में एनसीपी प्रत्याशी के रूप में दुलीचंद लोहिया को भी 15 हजार 434 वोट मिले थे. अवतार सिंह हित गुरू गोविंद सिंह की जन्म भूमि बिहार के पटना साहिब स्थित अकाल तख्त के प्रधान भी थे. इसलिए एक बड़े सिख नेता के रूप में उनकी दिल्ली से बिहार तक पहचान थी.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (ETV Bharat)

कांग्रेस का गढ़ रही राजौरी गार्डन सीट पर दो बार हुए उपचुनाव: राजौरी गार्डन सीट से लगातार तीन बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन चुनाव जीते. माकन ने 1993, 1998 और 2003 का विधानसभा चुनाव राजौरी गार्डन से जीता और शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री भी रहे. इसके बाद जब वह वर्ष 2004 में नई दिल्ली लोकसभा सीट सांसद बन गए तो उन्होंने राजौरी गार्डन सीट से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद यहां उपचुनाव हुआ. उपचुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी रमेश लांबा ने ही जीत दर्ज की थी. उसके बाद 2013 में अकाली दल (बादल) से मनजिंदर सिंह सिरसा ने जीत दर्ज की. इस तरह से कुल 9 चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस को पांच बार जीत मिली है.

2015 और 2020 में AAP का कब्जा: वर्ष 2013 में शिरोमणि अकाली दल भाजपा गठबंधन प्रत्याशी के रूप में इस सीट पर मनजिंदर सिंह सिरसा ने जीत दर्ज की. फिर 2015 में हुए मध्यावधि चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी जरनैल सिंह ने चुनाव जीता. फिर 2017 के पंजाब विधानसभा के चुनाव में जरनैल सिंह इस सीट से इस्तीफा देकर पंजाब चुनाव लड़ने चले गए, जिसके चलते यहां फिर से उपचुनाव हुआ. उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में मनजिंदर सिंह सिरसा ने जीत दर्ज की. 2020 के चुनाव में शिरोमणि अकाली दल ने चुनाव नहीं लड़ा. भाजपा प्रत्याशी को फिर आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी धनवती चंदेला से करीब 23000 वोट की करारी हार का सामना करना पड़ा.

Last Updated : Jan 26, 2025, 4:54 PM IST

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