नई दिल्ली: दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां पूरी तरह जोरों पर हैं. 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान होना है. उससे पहले तीनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां आप, भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. वहीं, इस बार कांग्रेस और भाजपा ने आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं में शामिल अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आतिशी को चुनावी समर में धूल चटाने के लिए मजबूत किलेबंदी कर दी है.
दिल्ली सरकार के मंत्रियों को भी इस बार कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है. अगर हम बात करें आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं में से एक पार्टी के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष एवं सरकार में 10 साल से कैबिनेट मंत्री गोपाल राय की तो बाबरपुर विधानसभा सीट से इस बार गोपाल राय को भी कड़ी चुनौती मिल सकती है. बाबरपुर विधानसभा दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 67 नंबर की सीट है. यहां हिंदू मुस्लिमों की मिश्रित आबादी है. इस सीट पर जनता ने भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों को ही मौका दिया है. आइए जानते हैं इस बार क्या हैं बाबरपुर विधानसभा सीट का समीकरण और कौन कौन कब बना विधायक.
राजनीतिक परिदृश्य: बाबरपुर विधानसभा सीट दिल्ली में 1993 में हुए पहले विधानसभा चुनाव के समय से ही अस्तित्व में है. इस विधानसभा सीट पर अब तक हुए सात विधानसभा चुनाव में चार बार भाजपा, एक बार कांग्रेस और दो बार आम आदमी पार्टी को जीत मिली है. इस विधानसभा सीट पर मुस्लिमों की संख्या करीब 35 प्रतिशत है. वहीं, हिंदुओं की आबादी 65 प्रतिशत है. इस सीट से तीन बार कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशियों पर दांव चला है. लेकिन, सफलता नहीं मिली है. हालांकि, कांग्रेस के मुस्लिम प्रत्याशी दो बार बहुत कम अंतर से पराजित हुए हैं.
बाबरपुर सीट 1993 से 2020 तक:वर्ष 1993 में भाजपा के नरेश गौड़ यहां से पहली बार विधायक बने. उसके बाद 1998 के चुनाव में भी नरेश गौड़ ने बहुत ही मामूली अंतर से जीत दर्ज की. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अब्दुल हमीद को 967 वोटों से हराया था. 2003 के विधानसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी विनय शर्मा ने यहां से 4259 वोट से जीत दर्ज की और नरेश गौड़ को हराया था. इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जाकिर खान 4507 वोट से चुनाव हारे थे. तब भी भाजपा के नरेश गौड़ ने जीत दर्ज की थी और AAP प्रत्याशी गोपाल राय तीसरे नंबर पर रहे थे. 2015 और 2020 के चुनाव में बाबरपुर सीट पर कांग्रेस की जमानत जब्त हुई, तो वहीं मुकाबला भाजपा प्रत्याशी नरेश गौड़ और गोपाल राय में हुआ, जिसमें दोनों बार गोपाल राय ने 30 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की.