देहरादूनः प्रेमनगर क्षेत्र परवल रोड पर हुए ब्लाइंड मर्डर केस का देहरादून पुलिस ने 36 घंटे के भीतर खुलासा कर दिया है. पुलिस ने हत्या को अंजाम देने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी केस को गुमराह करने के लिए परिजनों के साथ मिकर मृतक की शिनाख्त करने अस्पताल भी पहुंचा था. पूरा विवाद शराब पीने के दौरान हुए बहस से जुड़ा है.
दरअसल, 8 सितंबर की सुबह प्रेमनगर थाना पुलिस को सूचना मिली कि परवल रोड पर एक अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने देखा कि मृतक के सिर पर गंभीर चोट लगी है. साथ ही काफी मात्रा में खून का रिसाव हुआ है. पुलिस ने मौके पर फॉरेंसिक टीम, डॉग स्क्वायड को बुलाया और साक्ष्य जुटाए. पुलिस ने मृतक की शिनाख्त उसके रिश्तेदारों द्वारा 45 वर्षीय शंकर शर्मा निवासी लखनऊ के रूप में की. रिश्तेदारों द्वारा बताया गया कि मृतक शंकर शराब पीने का आदी था और काफी समय से देहरादून के तेलपुर में रहकर मजदूरी का काम कर रहा था.
मृतक की हत्या के संबंध में उसके मौसेरे भाई अमित क्षेत्री निवासी चक्की तोला निरंजनपुर मंडी थाना पटेल नगर देहरादून द्वारा तहरीर दी गई. तहरीर के आधार पर थाना प्रेमनगर में अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. थाना का खुलासा करने के लिए थाना स्तर पर अलग-अलग 3 टीमें गठित की गई.
गठित टीमों द्वारा घटनास्थल के आसपास लोगों से पूछताछ और घटनास्थल से निकलने वाले मार्गों पर स्थित सीसीटीवी कैमरे की छानबीन की गई. जांच में पता चला कि मृतक शंकर साल 2016 से देहरादून में तेलपुर निवासी खुशीराम के घर पर ही रह रहा था. और काम पर अक्सर खुशीराम के साथ ही जाता था. घटना की रात मृतक को खुशीराम के साथ ही उसके घर के आसपास लोगों ने देखा भी था.
इसके बाद प्रेमनगर पुलिस खुशीराम को थाने लाई और सख्ती से पूछताछ की. जहां खुशीराम ने शंकर की हत्या करना स्वीकार किया. आरोपी ने बताया कि 8 सितंबर की रात दोनों ने श्यामपुर टी स्टेट से परवल स्थित घटनास्थल पर शराब पी. शराब पीने के दौरान दोनों के बीच बहस हुई तो खुशीराम ने शंकर के सिर पर ईंट से हमला कर दिया. इसके बाद काफी मात्रा में खून बहने से शंकर की मौत हो गई.
थाना प्रेमनगर प्रभारी गिरीश नेगी ने बताया कि घटना के बाद आरोपी मृतक का मोबाइल आदि लेकर अपने स्कूटर से वापस अपने घर आ गया. साथ ही घटना के अगले दिन दोबारा मृतक के परिजनों के साथ मृतक की शिनाख्त के लिए अस्पताल पहुंचा और मृतक की शिनाख्त कर वापस अपने घर चला गया. पुलिस ने बताया कि शंकर पहले खुशीराम के पास रहकर ही मजदूरी करता था. लेकिन कुछ दिनों ने शंकर किसी अन्य के साथ काम पर जाने लगा था, जिससे खुशीराम नाराज था.
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