ऋषिकेश:डीएम सविन बंसल का ऋषिकेश तहसील में जन सुनवाई का कार्यक्रम प्रस्तावित था. कार्यक्रम से पहले वो खुद वाहन चलाकर अचानक सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे. यहां उन्होंने मरीज बनकर पहले अपने लिए पंजीकरण का पर्चा बनवाया. फिर तमाम डॉक्टर के कमरों का निरीक्षण किया. इस दौरान सीएमएस सहित पांच डॉक्टर अपने कमरे से नदारद दिखाई दिए, जिस पर उन्होंने तत्काल उनका वेतन रोकने के निर्देश दिए.
आईसीयू में ताला लगा होने पर नाराज हुए डीएम सविन बंसल:डीएम सविन बंसल ने आईसीयू में ताला लगा होने पर नाराजगी जताई और साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था नहीं होने पर अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सफाई एजेंसी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. साथ ही काउंटर के अंदर काम करने वाले अधिकारी भी नदारद दिखाई दिए.
डीएम ने मरीज बनकर बनवाया पर्चा (photo-ETV Bharat) अचानक एआरटीओ दफ्तर पहुंचे डीएम सविन बंसल:इसके बाद डीएम सविन बंसल ने एआरटीओ दफ्तर का भी निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान खामियां मिलने पर उन्होंने एआरटीओ को व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए. वहीं, निर्देशों का पालन नहीं होने पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी. आरटीओ कार्यालय परिसर में बेवजह घूमने वाले लोगों का जमावड़ा दिखाई दिया.
जनसुनवाई कार्यक्रम में डीएम ने लिया हिस्सा:निरीक्षण के बाद डीएम तहसील सभागार में जनसुनवाई कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे. कार्यक्रम में सैकड़ों लोग अपनी-अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर समाधान के लिए पहुंचे. डीएम ने एक-एक करके लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित अधिकारियों को समाधान करने के निर्देश दिए.
ड्यूटी में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त:डीएम सविन बंसल ने बताया कि अधिकारियों को दफ्तर में समस्याओं का समाधान करने के लिए बैठाया गया है, जो अधिकारी लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ड्यूटी में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जल्द ही दोबारा जनसुनवाई कार्यक्रम किया जाएगा. जिन समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं उन पर भी सवाल जवाब होंगे.
चार्ज संभालने के बाद एक्शन में डीएम सविन बंसल:बता दें कि चार्ज संभालने के बाद से डीएम सविन बंसल एक्शन में दिखाई दे रहे हैं. वह लगातार अपने क्षेत्र की तमाम समस्याओं को समझते हुए उनका समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं. विभागों की हकीकत जानने के लिए वह खुद मरीज बनकर अस्पतालों का निरीक्षण करने में लगे हुए हैं.
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