नक्सल एनकाउंटर पर दीपक बैज का गृहमंत्री पर हमला, निर्दोष ग्रामीणों की हत्या का आरोप, डिप्टी सीएम से मांगा इस्तीफा - Politics on Naxal Encounter
Politics on Naxal Encounter कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज में नक्सल मामले को लेकर बीजेपी की ओर से कही गई टिप्पणी पर आपत्ति जताई है. दीपक बैज ने कहा कि नक्सल मामले पर हम सवाल नहीं उठा रहे हैं बल्कि प्रभावित ग्रामीण ये सवाल उठा रहे हैं कि मुठभेड़ में निर्दोष मारे जा रहे हैं.हमने जो जांच कमेटी बनाई थी उसमें चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है.Vijay Sharma on Naxal encounter
दीपक बैज का गृहमंत्री पर हमला (ETV Bharat Chhattisgarh)
रायपुर:पीसीसी चीफ दीपक बैज ने पीडिया नक्सली एनकाउंटर पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं.दीपक बैज ने कहा कि ग्रामीणों ने आरोप लगाए हैं कि पीडिया मुठभेड़ में निर्दोष लोग मारे गए हैं. ग्रामीणों की मांग पर ही कांग्रेस ने जांच कमेटी बनाई थी.जिसकी जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.ग्रामीण और साक्ष्य की माने तो मुठभेड़ में मारे गए कुछ लोग निर्दोष थे. सरकार इस मामले की जांच नहीं कर रही है. यही वजह है कि हम एक बार फिर इस पूरे मामले की हाईकोर्ट के वर्तमान जज की देख रेख में जांच करने की मांग करते हैं ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके.
दीपक बैज ने डिप्टी सीएम को लिखा खत : जांच की मांग कराने को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने डिप्टी सीएम को खत लिखा है. जिसमें पीडिया मुठभेड़ मामले में कांग्रेस की जांच दल के उठाए सवालों पर आपत्ति जताने को लेकर गृहमंत्री पर सवाल उठाए गए हैं. दीपक बैज ने खत में लिखा कि पीडिया मुठभेड़ हो या कांकेर के कोयलीबेड़ा मुठभेड़ की बात हो. कांग्रेस पार्टी ने अपनी ओर से सवाल नहीं खड़ा किया, सवाल वहां के ग्रामीणों ने खड़ा किया है. कांग्रेस ने ग्रामीणों की मांग के बाद जांच कमेटी बनाई और जांच कमेटी में सभी आदिवासी नेता शामिल थे.जांच कमेटी ने ग्रामीणों से बात करने के बाद जो तथ्य पाया वह दुखद है. ग्रामीण और साक्ष्य बता रहे कि मुठभेड़ में मारे गए कुछ लोग निर्दोष थे तो सरकार को इस मामले की जाँच कराने से क्या परहेज है? हाईकोर्ट के वर्तमान जज की देख-रेख में जांच करा ली जाए ताकि स्थितियां साफ हो सके. कांकेर में हुई मुठभेड़ में मारे गए लोगों के भी नक्सली होने पर सवाल खड़ा हुआ था तब भी जांच की मांग हुई थी, सरकार ने जांच क्यों नहीं करवाया था?
'बस्तर में कांग्रेस ने लाई शांति' : दीपक बैज ने पत्र में लिखा कि "उप मुख्यमंत्री बस्तर में शांति के लिए जितने चिंतित आप हैं उतनी ही चिंतित कांग्रेस पार्टी भी है. कांग्रेस पार्टी बस्तर में शांति बहाली के सरकार के हर कदम के साथ खड़ी है. लेकिन यह प्रयास बस्तर के मासूम आदिवासियों की जिंदगी के शर्त पर होंगे तो यह हमें मंजूर नहीं. बस्तर में कांग्रेस की सरकार ने विश्वास, विकास, सुरक्षा के मूल मंत्र को लेकर शांति बहाली के जो प्रयास शुरू किए थे जिसके फलस्वरूप बस्तर में शांति की स्थापना भी हुई. नक्सली गतिविधियां 80 प्रतिशत तक कम हुई. वर्तमान सरकार ने उस पर अविश्वास क्यों जताया? वर्तमान में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिल रही है तो उसका बड़ा कारण है पूर्ववर्ती सरकार ने दूरस्थ रिमोट क्षेत्रों जो कैम्प बनाए और इन कैम्पों के माध्यम से सुरक्षा बलों ने स्थानीय ग्रामीणों का भरोसा जीता है."
नक्सली गतिविधियों में आई कमी :दीपक बैज ने आगे लिखा कि"कांग्रेस सरकार के पहले सुरक्षा बलों के कैम्पों में रसद सामग्री तक सरकार नहीं पहुंचा पाती थी. विश्वास, विकास, सुरक्षा का परिणाम था कि दूरस्थ क्षेत्रों में कैम्प के साथ अंदरूनी इलाकों में सड़क बनवाया गया, पुल-पुलिया बनाये गए, बंद पड़े 350 से अधिक स्कूलों को खोला गए. स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई गयी. मुख्यमंत्री हाट बजार क्लिनिक के माध्यम से लोगों का इलाज किया गया. जल, जंगल, जमीन पर आदिवासियों के अधिकारों को और मजबूत बनाने का प्रयास हुआ. वन अधिकार पट्टे सामुदायिक वन अधिकार पट्टे बांट कर उनमें एक नया भरोसा पैदा किया गया. 67 से अधिक वनोपजों की खरीदी कर आदिवासियों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया गया. बस्तर का हर आदिवासी नक्सली नहीं है इस भावना के साथ कांग्रेस की सरकार ने काम किया था. सुरक्षा बलों और सरकार ने बस्तर के लोगों का भरोसा जीता जिसका परिणाम हुआ वहां नक्सली गतिविधियों में 80 प्रतिशत की कमी आई."
बीजेपी ने पहली जैसी स्थिति लाई :दीपक बैज का बीजेपी पर हमला यहीं नहीं थमा. उन्होंने लिखा कि"पंद्रह सालों तक सुरक्षा बलों और नक्सलवादी के दो पाटों के बीच बस्तर का आदिवासी पिस रहा था, पांच सालों में उसमें कमी आयी थी, दुर्भाग्य है आपकी सरकार की अनिर्णय वाली नीति के कारण फिर से एक बार वही हालात बन गए हैं. आदिवासी झूठ नहीं बोलता यदि गांव के लोग सवाल खड़ा कर रहे तो उससे भागिए मत उसकी जांच करवाइए. पीडिया में मारे गये 6 लोगों का आपराधिक रिकॉर्ड गृहमंत्री जारी कर रहे, शेष लोग क्यों मारे गये यह सरकार बतायें?"
कोई भी निर्दोष आदिवासी ना मारा जाए : दीपक बैज ने डिप्टी सीएम विजय शर्मा से कई मांगें की है. जिसमें उन्होंने कहा कि"उप मुख्यमंत्री आप बस्तर में शांति बहाली के लिए मुझसे सलाह मांग रहे तो मैं आपको बता दूं बस्तर को शासक बनकर नहीं अपना समझ कर देखिए, जो विश्वास पिछली सरकार ने आदिवासियों का अर्जित किया था उसको मत तोड़िये. जब तक बस्तर के लोगों का भरोसा अर्जित नहीं कर पाएंगे इस लड़ाई को नहीं जीत पाएंगे. पूर्ववर्ती सरकार के विश्वास, विकास, सुरक्षा के मूलमंत्र को जारी रखा जाए. सुरक्षा बलों को निर्देश दिया जाए कि किसी भी एनकाउंटर में निर्दोष आदिवासी की हत्या नहीं हो, किसी भी निर्दोष आदिवासी को जेल में न डाला जाए. सरकार का आचरण लोगों का भरोसा जीतने वाला हो इसी मूलमंत्र के रास्ते चल कर पूर्ववर्ती सरकार ने बस्तर में शांति की स्थापना में बड़ी सफलता हासिल किया था, यही मार्ग श्रेयष्कर होगा.
गृहमंत्री का पद छोड़ क्यों नहीं देते :दीपक बैज ने डिप्टी सीएम से मांग कि और पत्र में लिखा कि"विजय शर्मा आप प्रदेश के गृहमंत्री है. आपकी अनिर्णय वाली स्थिति अकुलाहट वाली स्थिति और बेचारगी ठीक नहीं.कभी आप नक्सलियों से सुझाव मांगते हैं, कभी नक्सलियों के घर लाल भाजी खाने का प्रस्ताव रखते हैं. कभी हाथ जोड़ कर विपक्ष से सुझाव मांगते हैं. आप इतने बेबस क्यों हैं. गृह विभाग संभल नहीं रहा तो छोड़ क्यों नहीं देते?" आपको बता दें कि इससे पहले अपने बयान में विजय शर्मा ने कहा था कि जब नक्सली खुद कह रहे हैं कि मारे गए लोग उनके साथी है तो इसमें जांच का सवाल ही नहीं उठाता फिर भी वह मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे.