फरीदाबाद :यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत चुकी है. मंगलवार को हाथरस में सत्संग में मची भगदड़ के बाद से सूरज पाल उर्फ भोले बाबा वहां से फरार है. हाथरस हादसे में फरीदाबाद की रहने वाली 3 महिलाओं की मौत हो गई जिनकी डेड बॉडी आज फरीदाबाद लाई गई हैं. इस दौरान वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने हाथरस हादसे की आंखों देखी कहानी भी बताई.
हाथरस से फरीदाबाद पहुंची 3 डेड बॉडी :हाथरस हादसे में फरीदाबाद के रामनगर की रहने वाली 3 महिलाएं भी गई थी जिनकी आज लाशें ही घर पहुंची हैं. बताया जा रहा है कि यहां से सोमवार को एक बस के जरिए 50 से 60 लोग भोले बाबा का सत्संग सुनने के लिए हाथरस गए थे. हादसे में लोगों की मौतों के बाद परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं और रामनगर के लोग गमगीन हैं.
भगदड़ के प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा ? :हादसे में मारी गई मृतक महिलाओं के परिजनों और प्रत्यक्षदर्शियों ने प्रशासन पर बदइंतजामी के आरोप लगाए हैं, साथ ही भोले बाबा पर कार्रवाई करने की मांग भी की है. उनका कहना था कि सत्संग 50,000 लोगों के लिए आयोजित किया गया था लेकिन वहां एक लाख से ज्यादा लोग पहुंच गए. वहां पर पहुंचे लोगों के लिए पर्याप्त इंतज़ाम नहीं किए गए थे. उन्होंने बताया कि जब बाबा जाने लगे तो उनके पैरों की मिट्टी लेने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मच गई और वहां कीचड़ होने के चलते लोग फिसल कर गिर गए और भीड़ उनके ऊपर से गुजरती रही जिसके चलते श्रद्धालुओं को जान गंवानी पड़ी.
"बाबा की कोई गलती नहीं" :वहीं इस दौरान घटनास्थल से लौटी एक महिला ने कहा कि हादसे के लिए भोले बाबा को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए. उनकी कोई गलती नहीं है और उन पर उंगली उठाना ठीक नहीं है. महिला ने बताया कि बाबा के चरणों की मिट्टी लेने के लिए भीड़ बेकाबू हो गई. हादसे की चश्मदीद एक महिला ने बताया कि इस दौरान उनके कानों की बाली भी खींचने की कोशिश की गई.