सरगुजा:ड्रोन दीदी नाम सुनते ही मन में एक ऐसी तस्वीर बन जाती है जो एक उन्नत महिला किसान के रुप में होती है. सरगुजा की अब बेटियां यहीं ड्रोन दीदी बनकर न सिर्फ अपना बल्कि पूरे सरगुजा का भविष्य बनाने के लिए आगे बढ़ चुकी हैं. दरअसल केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण काम का जिम्मा ग्रामीण महिलाओं को देना शुरू कर दिया है. इसमे एक बड़ी कड़ी जुड़ चुकी है ड्रोन दीदी की. ड्रोन दीदी का मतलब है स्वयं सहायता समूह की वो महिला जो किसी विभाग की कर्मचारी नहीं है. स्वरोजगार करने के लिए वो समूह की सदस्य बनी है. ऐसी महिलाओं को सरकार ट्रेनिंग देकर ड्रोन दीदी बना रही है. ट्रेनिंग के बाद ये महिलाएं अब बेधड़क आसमान में ड्रोन उड़ाएंगी.
मैदान में उतरी ड्रोन दीदी: ड्रोन दीदी की शुरुआत स्वास्थ्य विभाग और कृषि विभाग से की गई है. कृषि विभाग में ड्रोन दीदी खेतों में दवाई छिड़काव के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेंगी, तो वहीं स्वास्थ्य विभाग में ड्रोन दीदियों के पास बड़ी जिम्मेदारी होगी. देश भर के एम्स और कुछ चुनिंदा मेडिकल कॉलेज को ड्रोन से सैम्पल कलेक्शन की इजाजत मिली है. जिनको इजाजत मिली है उसमें छत्तीसगढ़ राज्य का एक मात्र मेडिकल कालेज अम्बिकापुर शामिल है, जहां ड्रोन दीदी ड्रोन से सैम्पल एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने का काम करेंगी.
ट्रैफिक नही बनेगी बाधा, टाइम लगेगा आधा: इमरजेंसी में ट्रैफिक से बचते हुए ड्रोन से दवाईयां और सैम्पल पहुंचाए जाएंगे. ड्रोन का सफल 4 ट्रायल किया जा चुका है. अम्बिकापुर से उदयपुर तक 40 किलोमीटर का सफर ड्रोन ने तय किया और वापस भी उदयपुर से अम्बिकापुर मेडिकल कालेज तक ड्रोन को लाया गया. भारत सरकार ने देश के 25 मेडिकल कॉलेज का चयन इस टेक्नोलॉजी के लिए किया है. सरगुजा का राज माता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज का नाम भी शामिल है.
क्या करेंगी ड्रोन दीदी: टेक्नोलॉजी का उपयोग यातायात जाम होने के दौरान किया जाएगा. आपदा विपदा के दौरान दवाओं, सैम्पल का कलेक्शन करने के लिए किया जाएगा. पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तहत तीन महीने के लिए सीएचसी उदयपुर से मेडिकल कॉलेज तक इसका संचालन किया जाएगा. ड्रोन दीदी ड्रोन से सैम्पल भेजने के लिए सैम्पल में नंबरिंग, कोल्ड चेन मेंटेनेंस का ध्यान भी ड्रोन दीदी रखेगी.
ड्रोन दीदी बनकर सरगुजा की बेटियां भर रही उड़ान जानिए क्या है नमो ड्रोन दीदी स्कीम - Drone Didi Scheme 2024
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नमो ड्रोन दीदी स्कीम से अब सरगुजा की बेटियां भी जुड़ रही हैं. सरकार ट्रेनिंग देकर इन बेटियों को ड्रोन दीदी बना रही हैं. अब यही ड्रोन दीदी अपनी किस्मत खुद लिखने को बेताब हैं.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Mar 14, 2024, 8:58 PM IST
|Updated : Mar 14, 2024, 11:14 PM IST
"मेडिकल कॉलेज का चयन ड्रोन टेक्नोलॉजी इन हेल्थ केयर के रूप मे किया गया है. पायलट प्रोजेक्ट के लिए ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया से एमओयू के बाद महिलाओं को प्रशिक्षण के लिए दिल्ली भेजा गया था. पायलट प्रोजेक्ट के लिए सीएचसी उदयपुर व मेडिकल कॉलेज के बीच इसका संचालन किया जाना है. 4 कंपनियों के साथ ड्रोन उड़ाकर ट्रायल किया गया है. ड्रोन दीदियों को माइक्रो बायलॉजी विभाग के साथ ट्रेनिंग दी जा रही है. टेंडर के बाद जैसे ही ड्रोन हमे मिलेंगे जल्द ही हम इसे शुरू कर पायेंगे" - डॉ. आर. मूर्ती, मेडिकल कालेज के डीन
कैसे बनें ड्रोन दीदी: भारत सरकार की योजना के मुताबिक नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की दो दीदियों का चयन कर नाम सुझाया गया. मेडिकल कॉलेज के माध्यम से इन दीदियों को ट्रेनिंग दी गई. ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के लिए टीम को विशेष प्रशिक्षण के लिए दिल्ली भेजा गया. इसके बाद अगले चरण में मेडिकल कालेज के माइक्रोबायलॉजी विभाग के साथ दीदियों को जांच और सैम्पल से जुड़ी बारीकियों को सिखाया जा रहा.