दमोह।कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर का नया आदेश चर्चा में है. मामला अस्पताल और मीडिया से जुड़ा है. दरअसल, कलेक्टर का यह आदेश उस घटना के बाद आया, जब जिला अस्पताल में 4 प्रसूताओं की ऑपरेशन के बाद मौत हो गई. इस मामले में दो बार अलग-अलग कमेटियों से मामले की जांच कराई गई. लेकिन दोनों ने जांच के बाद अस्पताल प्रबंधन को क्लीनचिट दे दी. इसके बाद मृतकों के परिजनों के दबाव और लगातार हल्ला मचने के बाद तीसरी बार जांच के आदेश हुए.
बाइट के नाम पर निजता का हनन न हो
इसी के बाद कलेक्टर ने बयान जारी कर कहा"मीडिया के लोग अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जहां पर मरीज़ की निजता का हनन नहीं होता है, वहां पर आकर बाइट या बयान ले सकते हैं. वह बाहर का फोटोग्राफ ले सकते हैं." कलेक्टर ने तर्क दिया "जैसे न्यायालय में बाहर से फोटोग्राफ से ले सकते हैं. अंदर की गोपनीयता भंग नहीं होती है. वैसे ही अस्पताल में भी व्यक्ति की गरिमा का, उसकी निजता का ख्याल रखना पड़ेगा. मुझे पूरा विश्वास है कि हम इस क्रिटिकल कोड का पालन करेंगे."
अस्पताल के बाहर ले सकते हैं बयान
इस संबंध में जब ईटीवी भारत ने कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर से बातचीत की तो उन्होंने कहा "अक्सर जब मैं अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के निरीक्षण करता हूं तो वहां देखता हूं कि पत्रकारों के अलावा कुछ यूट्यूबर भी मरीज के बिल्कुल पास जाकर ही उनकी बाइट लेते हैं या उनसे बात करते हैं. मैं कलेक्टर हूं मुझे भी किसी मरीज की प्राइवेसी भंग करने का या उसकी निजता का हनन करने का कोई अधिकार नहीं है. इसलिए यह आदेश जारी किया है. सभी को इसका पालन करना चाहिए. यदि किसी को इसमें आपत्ति है या कोई चाहता है कि उसे मरीज़ की बाइट लेना है या उनके परिजनों से बात करना है तो वह अस्पताल के अंदर बाइट न लें बल्कि उन्हें बाहर बुलाकर बाइट लें."