मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

दमोह जिला अस्पताल में मीडिया की एंट्री पर विवाद, कलेक्टर ने हस्तक्षेप कर बनाई ये नई व्यवस्था - Damoh District Hospital

दमोह जिला अस्पताल में मीडिया की एंट्री को लेकर विवाद बढ़ा तो कलेक्टर को हस्तक्षेप करना पड़ा. कलेक्टर ने कहा "मीडिया को मरीज या उनके परिजन की बाइट लेने का अधिकार है लेकिन इस दौरान निजता का ध्यान रखना चाहिए. इसलिए मीडिया के लोग अस्पताल के बाहर बयान ले सकते हैं. अस्पताल के अंदर पहुंचकर किसी की गोपनीयता भंग नहीं की जा सकती."

Damoh District Hospital
दमोह जिला अस्पताल में मीडिया की एंट्री पर विवाद (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 29, 2024, 4:28 PM IST

दमोह।कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर का नया आदेश चर्चा में है. मामला अस्पताल और मीडिया से जुड़ा है. दरअसल, कलेक्टर का यह आदेश उस घटना के बाद आया, जब जिला अस्पताल में 4 प्रसूताओं की ऑपरेशन के बाद मौत हो गई. इस मामले में दो बार अलग-अलग कमेटियों से मामले की जांच कराई गई. लेकिन दोनों ने जांच के बाद अस्पताल प्रबंधन को क्लीनचिट दे दी. इसके बाद मृतकों के परिजनों के दबाव और लगातार हल्ला मचने के बाद तीसरी बार जांच के आदेश हुए.

दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर (ETV BHARAT)

बाइट के नाम पर निजता का हनन न हो

इसी के बाद कलेक्टर ने बयान जारी कर कहा"मीडिया के लोग अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जहां पर मरीज़ की निजता का हनन नहीं होता है, वहां पर आकर बाइट या बयान ले सकते हैं. वह बाहर का फोटोग्राफ ले सकते हैं." कलेक्टर ने तर्क दिया "जैसे न्यायालय में बाहर से फोटोग्राफ से ले सकते हैं. अंदर की गोपनीयता भंग नहीं होती है. वैसे ही अस्पताल में भी व्यक्ति की गरिमा का, उसकी निजता का ख्याल रखना पड़ेगा. मुझे पूरा विश्वास है कि हम इस क्रिटिकल कोड का पालन करेंगे."

अस्पताल के बाहर ले सकते हैं बयान

इस संबंध में जब ईटीवी भारत ने कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर से बातचीत की तो उन्होंने कहा "अक्सर जब मैं अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के निरीक्षण करता हूं तो वहां देखता हूं कि पत्रकारों के अलावा कुछ यूट्यूबर भी मरीज के बिल्कुल पास जाकर ही उनकी बाइट लेते हैं या उनसे बात करते हैं. मैं कलेक्टर हूं मुझे भी किसी मरीज की प्राइवेसी भंग करने का या उसकी निजता का हनन करने का कोई अधिकार नहीं है. इसलिए यह आदेश जारी किया है. सभी को इसका पालन करना चाहिए. यदि किसी को इसमें आपत्ति है या कोई चाहता है कि उसे मरीज़ की बाइट लेना है या उनके परिजनों से बात करना है तो वह अस्पताल के अंदर बाइट न लें बल्कि उन्हें बाहर बुलाकर बाइट लें."

ये खबरें भी पढ़ें...

खून की कमी से जिला अस्पताल के बेड पर थम गईं महिला की सांसे, परिजनों ने डॉक्टर्स पर लगाए आरोप

मां की आखिरी निशानी भी गायब! रीवा के संजय गांधी अस्पताल में गजब कारनामा, शव से गहने चोरी

मीडिया को लेकर क्यों मचा बवाल

दरअसल, यह पूरा विवाद उन 4 प्रसूताओं की मौत के साथ ही शुरू हुआ है, जिनकी जान डिलीवरी के बाद चली गई. इसके बाद जब परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अलग-अलग ज्ञापन अधिकारियों को दिए. यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आ गया.लोगों ने सिविल सर्जन डॉ.राजेश नामदेव को तत्काल हटाने की मांग की. यह मुद्दा रविवार को कलेक्ट्रेट परिसर में संपन्न हुई राजस्व महाअभियान की बैठक में भी छाया रहा. मीडिया के सवाल पूछने पर पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने भी इस बारे में बयान दिया था कि मामले की निष्पक्ष जांच और कार्रवाई होना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details