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साइबर अपराधियों को Cryptocurrency उपलब्ध करवाने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार - CYBER FRAUD

जोधपुर में साइबर अपराधियों को क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध करवाने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार. जानिए पूरा मामला...

Cyber Criminals Arrested
तीन आरोपी गिरफ्तार (ETV Bharat Jodhpur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 20, 2024, 8:11 PM IST

जोधपुर: ऑपरेशन एंटीवायरस के तहत साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने एंव साइबर अपराधियों के खिलाप कार्रवाई को लेकर चलाए जा रहे अभियान के तहत कुड़ी भगतासनी थाना क्षेत्र में शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. ये साइबर अपराधी किराए के खाते से रुपये निकाल कर नकद में क्रिप्टोकरेंसी देते हैं. पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उनसे 8 लाख रुपये नकद, चेकबुक, बैंक पास बुक कई मोबाइल बरामद किया है.

डीसीपी पश्चिम राजर्षी राज वर्मा ने बताया कि थानाधिकारी को सूचना मिली थी कि सेक्टर पांच में जीडी कॉलेज से सेन्ट्रल पार्क कुड़ी भगतासनी की तरफ जाने वाली सड़क के किनारे बेरोजगार कैफे के पीछे बने कमरे में तीन युवक आए हैं, जो फर्जी बैंक खाते के पेमेंट को एटीएम से निकाल कर कैश रुपयो में क्रिप्टोकरेंसी (यूएसडीटी) खरीदकर साइबर अपराधियों को क्रिप्टोकेरेंसी भेजते हैं. जिस पर टीम ने तीनों लड़कों को दस्तयाब कर पूछताछ व तलाशी लेने पर 8 लाख रुपये नकद, 3 एटीएम कार्ड, 2 चेकबुक, 5 मोबाइल फोन एवं 6 सिम कार्ड मिले. युवकों की पहचान झवर निवासी 21 वर्षीय महेन्द्र चौधरी, सालावास नंदवान निवासी 19 वर्षीय दिनेश भादु के रूप में हुई है. तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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मोबाइल एप्प के मार्फत करते हैं ट्रांजैक्शन : तीनों युवकों के मोबाइल खंगाले गए तो उनमें एप्स डाउनलोड होना पाए गए जिस पर आरोपियों के एप्स के जरिए किए गए लेनदेन का विवरण जांचा गया तो आरोपियों द्वारा लाखों रुपये की अवैध क्रिप्टोकरेंसी, USDT का लेनदेन होना पाया गया है. आरोपी टेलीग्राम चैनल के माध्यम से विभिन्न साइबर फ्रॉड करने वाले अपराधियों के भी सम्पर्क में हैं. इसको लेकर पूछताछ की जा रही है.

गांव वालों को बनाते थे निशाना : आरोपी समूह बनाकर षड्यंत्र कर गांव में लोगों से सम्पर्क करके रुपये का लालच देकर पहले बैंकों में खाता खुलवाते. खाता प्राप्त करने के बाद फिर उन्हीं के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार करके विभिन्न बैंकों में और खाते खुलवाते. उनके फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सिम प्राप्त करके बैंक खातो जोड़ देते हैं. जिससे ट्रांजैक्शन खुद कर सकें. इन बैंक खातों में साइबर धोखाधड़ी करने वालों से जो राशि आती थी, उसमें अपना हिस्सा रखकर उनको विभिन्न प्लेटफॉर्म के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी भेजते हैं.

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