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ब्रज की आभा में लिपटा नजर आया ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल, लोक कलाकारों ने बिखरे संस्कृति के रंग

'कल्चरल डायरीज' की शृंखला के तहत जयपुर के ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया.

सांस्कृतिक संध्या का आयोजन
सांस्कृतिक संध्या का आयोजन (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

Updated : 4 hours ago

जयपुर :राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से नवाचार करते हुए प्रदेश के विभिन्न अंचलों की कला-संस्कृति को वैश्विक पटल पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी क्रम में शुक्रवार को जयपुर का ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल ब्रज की आभा में लिपटा नजर आया. राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया था. 'कल्चरल डायरीज' के तहत शुक्रवार शाम 6:30 बजे कार्यक्रम की शुरुआत हुई. ब्रज लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से पर्यटकों का मन मोह लिया. उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी की पहल पर महीने में दो बार राजस्थान के लोक कलाकार प्रस्तुतियां देंगे. इससे लोक कलाकार सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त होंगे. कार्यक्रम के पहले दिन शुक्रवार शाम बृज आंचल की सांस्कृतिक झलक देखने को मिली. दूसरे दिन शनिवार को बाड़मेर के लंगा- मांगणियार कलाकारों की ओर से गायन-वादन की प्रस्तुति दी जाएगी.

'कल्चरल डायरीज' की शृंखला :पुरातत्व विभाग के निदेशक पंकज धरेंद्र के मुताबिक उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और राजस्थान पर्यटन विभाग ने नवाचार करते हुए प्रदेश के विभिन्न अंचलों की कला-संस्कृति को वैश्विक पटल पर ले जाने और लोक कलाकारों को नया मंच प्रदान करने का प्रयास किया है. पर्यटन विभाग ने 'कल्चरल डायरीज' के नाम से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक नई शृंखला शुरू की है. 'कल्चरल डायरीज' के पहले दिन अल्बर्ट हॉल पर ब्रज संस्कृति साकार हुई. सांस्कृतिक संध्या में ब्रज लोक कलाकारों की ओर से विभिन्न आकर्षक प्रस्तुतियां दी गईं. गुलाबी नगरी की फिजां में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली ब्रज भूमि की रंगत घुल गई.

ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल में सांस्कृतिक संध्या (ETV Bharat Jaipur)

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सांस्कृतिक कार्यक्रम के पहले दिन शुक्रवार को ब्रज अंचल की कला-संस्कृति का प्रदर्शन हुआ. सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ वैदिक मंत्राच्चार के साथ किया गया. मयूर नृत्य और फूलों की होली से भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की रासलीला साकार हुई. इस दौरान कलाकारों ने भवाई नृत्य भी पेश किया. गीत-संगीत से ब्रज का माधुर्य और भक्तिभाव छलका. अपनी विभिन्न मोहक प्रस्तुतियों से लोक कलाकारों ने ब्रज की कला एवं संस्कृति को साकार किया. जयपुरवासियों सहित देसी-विदेशी पावणे भी इसका लुत्फ उठाने के लिए ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल पहुंचे. इस दौरान कार्यक्रम में ख्यातनाम ब्रज लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से जयपुरवासियों का मन मोहा. दूसरे दिन शनिवार को बाड़मेर- जैसलमेर क्षेत्र के प्रसिद्ध लंगा-मांगणियार कलाकारों की गायन-वादन की प्रस्तुतियां होंगी.

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