मेरठ: उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ में रिसर्च के जरिेए ऐसे फसलों,फलों और सब्जियों की ऐसी किस्में तैयारी की जाती है कि जिससे किसानों की आमदनी दोगुनी हो सके. इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए विश्वविद्यालय में ड्रेगन फ्रूट की अलग अलग प्रजाति तैयार की जा रही हैं. SVPUAT यूपी का अकेला ऐसा संस्थान है जहां ड्रेगन फ्रूट की अलग अलग किस्म पर शोध हो रहा है. यह अब और अधिक पौष्टिक और किफायती होने के साथ साथ किसान के लिए छप्पर फाड़ कमाई की खेती भी साबित होने वाला है. विशेषज्ञों का तो दावा है कि एक हेक्टेयर में महीने के चार से पांच लाख तक की आमदनी होगी.
प्रोफेसर आरएस सेंगर बताते हैं कि ये पश्चिमी यूपी का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय है जहां पर ड्रेगन फ्रूट की क्वालिटी और इसकी गुणवत्ता को सुधारने के लिए शोध किया जा रहा है. इस शोध के जरिए यह भी जानने का प्रयास किया जा रहा है कि इसे उगाकर कितना मुनाफा कमाया जा सकता है. क्योंकि पश्चिमी यूपी में किसान गन्ने की खेती करके ठीकठाक मुनाफा कमा लेते हैं, ऐसे में ड्रेगन फ्रूट की खेती करके किस तरह अधिक लाभ ले सकते हैं.
प्रोफेसर आरएस सेंगर का कहना है कि, गन्ने की फसल से इतना लाभ नहीं कमाया जा सकता जितना कि ड्रेगन फ्रूट की खेती से. किसान अगर ड्रेगन फ्रूट की खेती को अपनाते हैं तो निश्चित ही किसान को ज्यादा लाभ मिलेगा. इसी को लेकर लगातार अलग अलग ड्रेगन फ्रूट के प्लांट्स पर रिसर्च जारी है. वह बताते हैं कि ड्रेगन फ्रूट की प्रजातियों में देखा गया है कि इनकी गुणवत्ता बहुत अच्छी है जिसके कारण बाजार में कीमत भी बहुत अच्छी मिलती है.
सेंगर ने बताया कि ड्रेगन फ्रूट की अलग अलग वेरायटी को यहां पर विकसित किया है, जो कि न सिर्फ अधिक उपज देने वाली है बल्कि स्वाद और पोषक तत्व से भी भरपूर है. वह बताते हैं कि, लाल रंग के ड्रेगन फ्रूट के एक फल की कीमत मार्केट में 80 रूपये से लेकर डेढ़ सौ रुपया प्रति पीस तक होती है. प्रयास किया जा रहा है कि इसके बीज बनाकर किसानों तक आसानी से उपलब्ध कराए जाए. उन्होंने बताया कि तीन नई प्रजाति विकसित की गई है.