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बजट से पहले CTI ने वित्त राज्य मंत्री को सौंपा व्यापारियों का मांगपत्र, 9 बिंदुओं को बजट में शामिल करने की अपील - CTI SUBMITTED THE TRADERS DEMAND

CTI SUBMITTED THE TRADERS DEMAND: चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के पदाधिकारियों ने वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी से मुलाकात की. इस दौरान उन्हें एक मांग पत्र सौंपा. इसमें सीटीआई की 9 मांगों को बजट में जोड़ने की मांग की गई है.

CTI ने वित्त राज्य मंत्री को सौंपा व्यापारियों का मांगपत्र
CTI ने वित्त राज्य मंत्री को सौंपा व्यापारियों का मांगपत्र (ETV BHARAT REPORTER)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 12, 2024, 5:16 PM IST

नई दिल्ली:चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के पदाधिकारियों ने वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी से मुलाकात की. इस दौरान उन्हें एक मांग पत्र सौंपा. सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि पिछले एक महीने से अलग-अलग सेक्टर के व्यापारियों और सीए के साथ मीटिंग कर रहे थे. उसी आधार पर ये मांग पत्र तैयार किया गया. हमने वित्त राज्य मंत्री को यह मांगें सौंपी हैं और उनसे आग्रह किया है कि व्यापारियों के मुद्दों को भी बजट में शामिल किया जाए.

इस दौरान सीटीआई के टैक्स सलाहकार राकेश गुप्ता, सीटीआई के नई दिल्ली जोन के अध्यक्ष संदीप गुलाटी, उपाध्यक्ष रिया जोन, चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से नईम राजा के साथ कश्मीरी गेट मार्केट के अध्यक्ष विनय नारंग भी मौजूद रहे. मंत्री चौधरी ने भरोसा दिलाया है कि इस बजट में मिडिल क्लास लोगों और व्यापारियों को बहुत राहत मिलेगी और जीएसटी को लेकर आ रही तमाम परेशानियों को अगली काउंसिल में रखा जाएगा और इससे छुटकारा दिलाया जाएगा.

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सीटीआई की मांगें इस प्रकार हैं

  • वृद्ध टैक्सपेयर को उनके टैक्स के आधार पर ओल्ड ऐज बेनिफिट सोशल सिक्योरिटी और रिटायरमेंट बेनिफिट दिए जाएं.
  • मिडिल क्लास चाहता है कि 9 साल से इनकम टैक्स में छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये ही बनी हुई है. इसे 7 लाख कर देना चाहिए.
  • कार्पोरेट्स और बड़ी कंपनियों की तरह मिडिल क्लास को बैंक लोन सस्ती ब्याज दरों पर लोन मिलना चाहिए.
  • इनकम टैक्स में 45 दिन में पेमेंट का जो नया नियम आया है, इससे करोड़ों व्यापारी और MSME व्यापारी परेशान हैं, इसे वापस लिया जाए.
  • जीएसटी की नई एमनेस्टी स्कीम का लाभ उन व्यापारियों को भी मिलना चाहिए जो पहले ही टैक्स, ब्याज और पैनल्टी जमा करा चुके हैं.
  • पिछले कुछ वर्षों से मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम बहुत ज्यादा बढ़ा है, जिससे मध्यम वर्ग परेशान है इसे कम किया जाए.
  • इनकम टैक्स में भी जीएसटी की तरह हाइब्रिड सिस्टम होना चाहिए, जिससे उसको व्यक्तिगत हियरिंग का मौका मिल सके.
  • आम जरूरत की कई चीजों पर अभी भी 28% और 18% GST लगता है, इसलिए GST की दरों को तर्कसंगत बनाया जाए.
  • केंद्र सरकार को व्यापारियों और उद्यमियों के लिए ट्रेड एंड इंडस्ट्री डिवेलपमेंट बोर्ड का गठन करना चाहिए.

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