देहरादूनःउत्तराखंड परिवार पहचान पत्र प्रोजेक्ट को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गुरुवार को व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक की. बैठक के दौरान सीएस ने परिवार पहचान पत्र प्रोजेक्ट के बजट को मंजूरी दे दी है. साथ ही सीएस ने नियोजन विभाग के अधिकारियों को परिवार पहचान पत्र प्रोजेक्ट के लिए वेंडर चयन को अगले एक महीने का टाइम दिया है. इसके साथ ही सीएस ने इस संबंध में डाटा सिक्योरिटी पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं.
बैठक के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि परिवार पहचान पत्र सीएम कॉन्क्लेव का एक महत्वपूर्ण बिंदु है. प्रदेश में कल्याणकारी योजनाओं या कल्याणकारी वितरण सिस्टम को देखते हुए राज्य सरकार, नियोजन विभाग के जरिए नागरिकों और उनके परिवारों का एक गतिशील और लाइव डेटाबेस तैयार करना चाहती है, जिसके जरिए लाभार्थियों से संबंधित अपडेटेड और वेरिफाइड डेटा को उनकी संबंधित योजनाओं/सेवाओं के लिए विभागों के साथ साझा किया जा सके.
मुख्य सचिव ने बताया कि परिवार पहचान पत्र का मुख्य उद्देश्य सभी परिवार के लिए एक विशिष्ट पहचान के साथ एक व्यापक पारिवारिक डेटाबेस तैयार करना है. साथ ही राज्य में परिवारों का सत्यापित, प्रामाणिक और विश्वसनीय डेटा तैयार करना, API एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) आधारित तंत्र के जरिए ऑन-डिमांड 'अपुणी सरकार' पोर्टल सहित राज्य में अन्य सेवा वितरण प्लेटफार्मों के साथ जोड़ना है. इसका लक्ष्य सत्यापन, परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए कैप्चर किए गए सभी डेटा बिंदुओं के सुधार और अपडेट करने का प्रावधान एप्लीकेशन पर बनाए रखना, मौजूदा केंद्रीय और राज्य सरकार की सेवाओं और लाभों को जोड़ना है.
परिवार पहचान पत्र के जरिए दस्तावेजीकरण और प्रमाण प्रदान करने की आवश्यकता में कमी आएगी. क्योंकि उन्हें विशिष्ट पहचान के जरिए प्रस्तावित प्रणाली या इंटरलिंक्ड विभाग प्रणालियों से देखा जा सकता है. परिवार पहचान पत्र का लक्ष्य विभिन्न राज्य विभागों की ओर से उनकी संबंधित सेवा और लाभों के लिए निवासियों की जानकारी लेना भी है. यही नहीं, परिवार पहचान पत्र से विशिष्ट पहचान एड्रेस प्रूफ के रूप में भी काम करेगी. जिससे जाति प्रमाण पत्र और आवासीय प्रमाण पत्र तत्काल जारी किए जा सकते हैं.