मधुबनी:मणिपुर में शहीद सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा (43) के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. अजय कुमार झा मूल रूप से मधुबनी जिले के मधेपुर थाना क्षेत्र के बाकी गांव के हरीशचंद्र झा के पुत्र थे. अजय के शहीद होने से गांव में शोक का माहौल है.
गांव में शोक का माहौलः अजय कुमार झा साल 2004 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में अपना योगदान दिया था. वर्तमान में इनकी पोस्टिंग मणिपुर में थी. रविवार को उग्रवादियों के हमले में शहीद हो गए. अजय कुमार झा के शहीद होने पर झंझारपुर के सांसद रामप्रीत मंडल, झंझारपुर के वर्तमान विधायक सह मंत्री नीतीश मिश्रा, पूर्व प्रदेश महासचिव अजय नारायण चौधरी ज्योती झा, सहित सैकड़ों लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया है.
'सरकार को कदम उठाने की जरूरत': लोगों ने कहा कि ''मिथिला के लाल अजय कुमार झा देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए हैं. जब तक भारत देश रहेगा शहीद अजय कुमार झा अमर रहेंगे.'' घटना की सूचना मिलते ही काफी संख्या में लोग उनके घर पहुंच गए और परिवार को सांत्वना दी. लोगों ने कहा कि आए दिन आतंकी हमले में जवान शहीद होते आ रहे हैं. इसको लेकर सरकार को कदम उठाने की आवश्यकता है.
कार्रवाई के दौरान फायरिंगः घटना रविवार की है, मणिपुर के जिरिबाम जिले में कुकी उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों के काफिले पर फायरिंग कर दी. इस फायरिंग में अजय कुमार झा के सिर में गोली लगी है. गोली लगने के बाद अजय कुमार झा को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह 9:40 बजे सीआरपीएफ और पुलिस की एक संयुक्त टीम गांव में जा रही थी. इस दौरान हमला किया गया है.
सीएम ने की घटना की निंदाः इस घटना में तीन और जवान घायल हुए हैं. मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए लिखा है..'मैं आज जिरीबाम जिले में कुकी उग्रवादियों के संदिग्ध एक सशस्त्र समूह द्वारा किए गए हमले में सीआरपीएफ के एक जवान की हत्या की कड़ी निंदा करता हूं. कर्तव्य की राह पर उनका सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. मैं मृतक जवान के शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं साथ ही हमले के दौरान घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.'
मणिपुर में सैंकड़ों लोगों की मौतः बता दें कि मणिपुर में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले लगभग एक साल से वहां की मैतेई और कुकी समुदाय के बीच दंगा जारी है. इस दौरान सैंकड़ों लोगों की मौत और 67 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. इसी बीच कुछ हफ्तों से जिरिबाम में भी हिंसा की घटना हो रही है. मैतई और आदिवासियों का संघर्ष बढ़ गया है. इसको लेकर लगातार सियासत भी हो रही है.
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