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बस्तर में नक्सल मोर्चे पर फोर्स का FOB प्लान, बढ़ेगी नक्सल ऑपरेशन की स्पीड

बस्तर में नक्सल ऑपरेशन को गति देने के लिए तीन फॉरवर्ड बेस तैयार किए गए हैं. ये सभी बेस CRPF के हैं

CRPF FORWARD OPERATING BASE
बस्तर में नक्सल ऑपरेशन (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 24, 2024, 3:46 PM IST

रायपुर/बस्तर: बस्तर में नक्सल ऑपरेशन की रणनीति को प्रभावी बनाने के लिए सुरक्षाबलों ने रणनीतिक स्तर पर कार्य तेज कर दिए हैं. बस्तर के धुर नक्सल प्रभावित जिलों में सीआरपीएफ के फॉरवर्ड बेस कैंप को खोला गया है. इन कैंपों के निर्माण से नक्सल ऑपरेशन में रणनीतिक स्तर पर सुरक्षाबलों को मदद मिलेगी. तेजी से नक्सल विरोधी अभियान को संचालित करने में भी ये मदद प्राप्त होगी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के खात्मे को लेकर बीते दिनों बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद के खतरे को खत्म करना है. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मजबूत और निर्मम" कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए थे.

सुकमा और बीजापुर में खोले गए फॉरवर्ड बेस कैंप: सीआरपीएफ के ये फॉरवर्ड बेस कैंप सुकमा और बीजापुर जिले में खोले गए हैं. सुकमा के तुम्पलपाड़ और रायगुडेम में इस कैंप को खोला गया है. इसके अलावा बीजापुर के कोंडापल्ली में फॉरवर्ड बेस कैंप को सेट किया गया है. एक सप्ताह पहले इन कैंपों को स्टार्ट किया गया है. सीआरपीएफ ने इस कैंप को स्थापित किया है. इसे अग्रिम संचालन ठिकाना अर्थात फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस का नाम दिया गया है. इन कैंपों के खुलने से वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी.

फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के जवानों सहित सभी सुरक्षा बलों के लिए लॉन्चिंग पैड के रूप में कार्य करता है. जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंटेल बेस ऑपरेशन को मदद मिल सके. बस्तर के सुकमा और बीजापुर जिलों के तुम्पलपाड़, रायगुडेम और कोंडापल्ली नक्सलियों की सप्लाई चेन का हिस्सा रहे हैं. यहां से उन्हें रसद मिलता रहा है. यह पीएलजीए बटालियन नंबर 1 के लिए एक महत्वपूर्ण भर्ती केंद्र भी था: बस्तर पुलिस

धुर नक्सल क्षेत्र में खुला फॉरवर्ड बेस यूनिट: सुरक्षाबलों ने सुकमा और बीजापुर के धुर नक्सल इलाकों में इस कैंप को खोला है. सुरक्षा के जानकारों ने बताया कि तालपेरु नदी के किनारे पर स्थित कोंडापल्ली गांव माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर भी रहा है. चिंतावागु नदी के तट पर स्थित तुमलपाड़ को नक्सली पड़ाव क्षेत्र के रूप में उपयोग करते थे. नक्सली इसका गलियारे के रूप में यूज करते थे. तुमलपाड़ एफओबी का संचालन सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन द्वारा किया जा रहा है. जबकि कोंडापल्ली बेस का निर्माण सीआरपीएफ की 170वीं ईकाई ने किया है.

"नक्सलगढ़ के नो गो क्षेत्र में घुसी फोर्स": जिन इलाकों में फॉरवर्ड बेस कैंप को खोला गया है. उसे तैयार करने में सीआरपीएफ की कोबरा टीम ने फोर्स को सुरक्षा मुहैया कराई गई है. सुरक्षाबल के अधिकारियों का मानना है कि इन इलाकों में एफओबी का निर्माण होने से यह भौतिक अवरोधक के रूप में कार्य करेगा. इन क्षेत्रों में नक्सलियों की मुक्त आवाजाही पर रोक लगेगी. पहले इन क्षेत्रों को फोर्स के लिए नो गो क्षेत्र कहा जाता था. इन बेस कैंप और फॉरवर्ड यूनिट के खुलने से अब ऐसा नहीं है

बस्तर में कितने एफओबी हुए तैयार ?: बस्तर के नक्सलगढ़ इलाकों में 40 से अधिकर एफओबी (फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस) तैयार किए गए हैं. बस्तर के सुकमा और बीजापुर के इलाके ओडिशा और तेलंगाना से सटे हुए हैं. इन 40 एफओबी में बीएसएफ और आईटीबीपी के भी एफओबी शामिल हैं.

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