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भगवान शिव के ससुराल दक्षेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला, बम-बम भोले के जयकारे से भक्तिमय हुआ माहौल

Mahashivratri 2024 महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक के लिए शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी हुई है. तमाम मंदिरों में बम- बम भोले की गूंज से माहौल भक्तिमय बना हुआ है. वहीं श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक कर सुख समृद्धि की कामना कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 8, 2024, 11:44 AM IST

Updated : Mar 8, 2024, 1:12 PM IST

हरिद्वार दक्षेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला

हरिद्वार:महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर धर्मनगरी हरिद्वार में भी भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.हरिद्वार के कनखल भगवान शिव के सुसराल दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से श्रद्धालु लाइन में लगे दिखाई दिए और अपनी बारी का इंतजार कर जलाभिषेक कर रहे हैं. मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि को ही भगवान भोलेनाथ का विवाह माता सती के साथ हुआ था. मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन जो श्रद्धालु भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

कनखल दक्षेश्वर प्रजापति महादेव मंदिर और हरिद्वार के अन्य सभी शिवालयों में श्रद्धालु भगवान शंकर का जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. सुबह से ही भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों का मंदिर में तांता लगा हुआ है.मान्यता है कि पौराणिक नगरी कनखल में भगवान शंकर के ससुराल में स्थापित शिवलिंग दुनिया का पहला शिवलिंग है और यहां हुआ भगवान शंकर और माता सती का दुनिया का पहला विवाह था. मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आज के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने से कई गुना फल मिलता है.
पढ़ें-केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित, 10 मई से होंगे बाबा के दर्शन, महाशिवरात्रि पर हुई घोषणा

दक्षेश्वर महादेव मंदिर के महंत विश्वेश्वर पुरी महाराज का कहना है कि महाशिवरात्रि शब्द का शुद्ध अर्थ भगवान शिव की विवाह रात्रि हैं, जो सृष्टि में पहला विवाह माना जाता है. कनखल स्थित पौराणिक दक्षेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन जलाभिषेक का विशेष महत्व है. यही कारण है कि शिवालय पर स्थानीय ही नहीं बल्कि देश भर से श्रद्धालु जलाभिषेक करने आते हैं. इस स्थान पर जलाभिषेक करने से सारे कष्ट दूर और मनोरथ पूरे होते हैं.

Last Updated : Mar 8, 2024, 1:12 PM IST

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