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चरस तस्करी में दोषी नेपाली दो महिलाओं को 12 साल की सजा, लगाया अर्थदंड

कोर्ट ने दो महिला तस्करों को दोषी पाते हुए 12 साल की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोनों दोषियों पर जुर्माना लगाया है.

Champawat Charas smuggling
कोर्ट ने चरस तस्करी में सुनाई सजा (Photo-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 27, 2024, 6:45 AM IST

चंपावत: चरस तस्करी के मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश चंपावत अनुज कुमार संगल की अदालत ने दो नेपाली महिलाओं को दोषी पाते हुए 12-12 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोनों दोषियों पर एक-एक लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न चुकाने पर दोनों को एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा.

गौर हो कि मामला साल 2022 का है. 28 दिसंबर को शारदा बैराज चौकी पुलिस लामा पुल और श्मशान घाट मार्ग पर चेकिंग कर रही थी.इस दौरान गोमा धर्ती (43) निवासी ग्राम बोठी बुंगा जिला धौर पटान नेपाल से दो किलो और कमला मगर (46) निवासी ग्राम लमाई, नगरपालिका तीन, जिला डांग, नेपाल के पास से 2.30 किलो चरस बरामद की गई. पूरे मामले में बनबसा पुलिस ने दोनों नेपाली महिलाओं के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की थी.

पुलिस की पूछताछ में पता चला कि दोनों नेपाली महिलाएं नेपाल से चरस लेकर जंगल के रास्ते भारत में आई थी. पुलिस के जांच पड़ताल में सामने आया था कि पकड़ी गई दोनों महिला गोमा और कमला नेपाल के सीमांत क्षेत्र की निवासी हैं, जो नेपाल के एक तस्कर के कहने पर यह मादक पदार्थ भारत में ला रही थी. जिसे वो नानकमत्ता में किसी को सौंपने वाली थी. पुलिस ने बताया कि पकड़ी गई दोनों महिलाएं कैरियर के तौर पर काम कर रही थी, जिनका काम चरस को सीमा पार पहुंचाना था.

अभियोजन पक्ष ने छह गवाह और 25 साक्ष्य देकर आरोप सिद्ध किया. विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल ने दोनों महिलाओं को एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई हैं. पकड़ी गई दोनों नेपाली मूल की महिलाएं अभी भी जेल में बंद हैं. न्यायालय ने कहा है कि जेल में बिताई अवधि की सजा में समायोजित होगी.

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