नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से आबकारी नीति घोटाला मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग इंटरनेट पर साझा करने के मामले में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कोर्ट की कार्यवाही को रिकॉर्ड करके इंटरनेट पर साझा नहीं किया जा सकता. इस मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी.
सुनीता केजरीवाल के वकील का तर्क
सुनवाई के दौरान सुनीता केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा कि सुनीता केजरीवाल इस वीडियो की क्रिएटर नहीं हैं, इसलिए उन्हें पक्षकार की सूची से हटाया जाए. मेहरा ने कहा कि सुनीता केजरीवाल ने केवल ऑडियो रिट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता इस याचिका के जरिये सनसनी पैदा करना चाहते हैं. तब हाईकोर्ट ने कहा कि अदालती कार्यवाही का ऑडियो सोशल मीडिया पर नहीं डालना चाहिए था. आप अपना जवाब दाखिल कीजिए.
इंटरनेट से हटा दी गई है रिकॉर्डिंग
पक्षों ने अदालत को बताया कि निर्देश के अनुसार, इंटरनेट मीडिया से सामग्री हटा दी गई है. मेटा के अधिवक्ता ने कहा कि वेकेशन बेंच की ओर से पारित उस आदेश का पालन करना मुश्किल है जिसमें इस ऑडियो के दोबारा अपलोड होने से रोकने को कहा गया था. उन्होंने कहा कि एक्स पर अपलोड किया गया ऑडियो हटा दिया गया है.