महाराज अग्रसेन कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर संजीव तिवारी नई दिल्लीः देश भर में रविवार को डा. भीम राव अंबेडकर की 134वीं जयंती मनाई जाएगी. बाबा साहब को संविधान निर्माता भी कहा जाता है. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में अंबेडकर जयंती को संविधान बचाओ, तनाशाही हटाओ दिवस के रूप में मनाने की बात कही है. AAP के दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार पर संविधान को बदलने का आरोप लगाया है.
अंबेडकर जयंती को अपने-अपने तरीके से मनाने और इन सब आरोप प्रत्यारोपों को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के महाराज अग्रसेन कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर संजीव तिवारी के अनुसार भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. किसी के आरोप लगाने से संविधान बदला नहीं जा सकता.
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प्रोफेसर संजीव तिवारी ने कहा कि भारतीय संविधान सभी को समानता का अधिकार देता है. उसी अधिकार के तहत सभी के ऊपर भारतीय कानून लागू होते हैं. कानून से ही देश चलता है. लेकिन, जब कोई नेता जेल जाता है तो उस घटना को राजनीतिक रूप दे दिया जाता है. यह गलत है. देश आज भी कानून और संविधान से चल रहा है. अगर देश संविधान की जगह तानाशाही से चल रहा होता तो केजरीवाल के जेल जाते ही दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग गया होता.
इनता ही नहीं केजरीवाल को पद से हटाने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट अभी तक तीन से ज्यादा याचिकाएं खारिज कर चुका है. एक याचिकाकर्ता पर कोर्ट ने 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने भी यही कहा कि वह चुने हुए मुख्यमंत्री हैं कोर्ट उन्हें हटाने का आदेश नहीं दे सकता. यह घटनाएं देश कानून से चल रहा है इसकी गवाही देती हैं.
प्रोफेसर तिवारी ने कहा कि भारत का लोकतंत्र विश्व के सबसे महत्वपूर्ण लोकतंत्र में से एक है. देश का संविधान बचा हुआ है और उसका पालन हो रहा है. यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट आए दिन सरकार के कई निर्णय़ों को निरस्त कर देता है. चंडीगढ़ में मेयर चुनाव का मामला हो या दिल्ली नगर निगम में मेयर के चुनाव का मामला. कोर्ट के निर्देश पर रातों-रात चुनाव संपन्न हुआ. चंडीगढ़ मेयर चुनाव का परिणाम भी बदला गया. सुप्रीम कोर्ट लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी की भी रक्षा कर रहा है. इसलिए अंबेडकर जयंती के अवसर पर यह कहना कि संविधान खतरे में है, किसी अतिश्योक्ति से ज्यादा नहीं है.
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