सरगुजा: छत्तीसगढ़ में पूर्व की कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं. 2 हजार करोड़ रुपये की मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना यहां दम तोड़ती हुई दिख रही है. स्कूलों के जीर्णोद्धार और अतिरिक्त कक्ष निर्माण में लीपापोती की गई है. आरटीआई कार्यकर्ता ने प्राप्त दस्तावेज के आधार पर यह दावा किया है कि जब हमने ग्राउंड में जाकर देखा तो वास्तव में स्कूल जतन योजना महज खानापूर्ती दिख रही है.
शिक्षा विभाग भी नहीं है संतुष्ट:वहीं, भाजपा विधायक इसे कांग्रेस सरकार का भ्रष्टाचार बता रहें हैं, तो कांग्रेस योजना को फेल करने का आरोप भाजपा की सरकार पर लगा रही है. शिक्षा विभाग खुद काम से संतुष्ट नहीं है. निर्माण एजेंसी आरईएस के अधिकारी काम पूरा करने या कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
30 हजार स्कूलों के लिए जारी की गई राशि:दरअसल, छत्तीसगढ़ में तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार ने मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत प्रदेश के 30 हजार स्कूलों में मरम्मत और अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए करीब 2 हजार करोड़ की राशि जारी की थी. यह राशि शिक्षा विभाग को मिली. जिले में जिला शिक्षा अधिकारियों ने राशी जिला पंचायत को दी. जिला पंचायत ने निर्माण एजेंसी आरईएस को बनाया, जबकि शहरी स्कूलों के लिए नगर निगम को एजेंसी बनाया गया. एजेंसियों ने टेंडर निकाले और ठेकेदारों को काम मिला, लेकिन इन ठेकेदारों ने काम नहीं किया. स्कूलों में लीपापोती की गई. अन्य मदों से कराए गए कार्यों को दिखाकर राशि भी ट्रांसफर करा ली गई.
जानकारी मांगने के बाद हुआ खुलासा:इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश सोनी ने जब सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो भ्रष्टाचार सामने आने लगा. उन्होंने कहा कि विभागों से प्राप्त जानकारी में काम पूरा हो चुका हैं. कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र भी जमा हो गया है. राशि भी जारी कर दी गई है, जबकि स्कूल के प्रधान पाठकों ने जानकारी दी है कि वो कार्य से संतुष्ट नही हैं. ठेकेदार ने लीपापोती की है. पूरे राज्य में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में अरबों का भ्रष्टाचार किया गया है."
मुझे ये जानकारी मिली कि सभी विद्यालयों में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत विद्यालय के मरम्मत के लिए कुछ राशि स्वीकृत हुई है. हमारे स्कूल को 14 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे. यहां कोई काम नहीं हुआ है.-आशा कुजूर, प्रचार्य, हायर सेकेंडरी स्कूल, भगवानपुर