देहरादून: राज्य सहकारी बैंकों और जिला सहकारी बैंकों के करोड़ों रुपये बकाया हैं. कर्जदारों की ओर से भुगतान ना किए जाने के चलते सहकारी बैंकों ने टॉप 20 बकायेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रहा है. इसके लिए सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. दरअसल, सहकारी बैंकों के बढ़ते एनपीए को कम करने और बैंकों को मुनाफे में लाने के लिए ठोस रणनीति पर कार्य करने को कहा है. साथ ही समय-समय पर इसकी निगरानी करने के भी निर्देश दिए हैं.
सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के सभी राज्य सहकारी बैंकों और जिला सहकारी बैंकों के टॉप 20 बकायेदारों पर शिकंजा कसा जाएगा. इसके लिए अधिकारियों को सरफेसी एक्ट के तहत बैंकों की देनदारी जमा नहीं करने वाले बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. ताकि बकायेदारों की संपत्ति कुर्क कर लोन की भरपाई की जा सके. बैंकों के बकाया वसूली के लिये अधिकारी अपने जिलों में समय-समय पर लोन वसूली अभियान चलाया जाएगा. जिसकी मॉनिटरिंग वो खुद हर तीन माह में करेंगे. वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश के सहकारी बैंकों का कुल सकल एनपीए 60306 लाख रुपए और शुद्ध एनपीए 23044 लाख रुपए था. वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल सकल एनपीए 54788 लाख रुपए और शुद्ध एनपीए 11646 लाख रुपए ही रह गया है.