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पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर हंगामा, भाजपा कंफ्यूज या कांग्रेस कर रही राजनीति ? - CONTROVERSY OVER OBC RESERVATION

छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव से पहले इसकी आरक्षण प्रक्रिया पर हंगामा मचा है.

Controversy over OBC reservation
आरक्षण प्रक्रिया पर हंगामा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 16, 2025, 7:04 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव होने हैं. इसकी तैयारी निर्वाचन आयोग ने शुरू कर दी है. कांग्रेस बीजेपी भी चुनाव की तैयारी में जुट गई है, लेकिन इससे पहले चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

भाजपा कांग्रेस में आरोप प्रत्यारोप: कांग्रेस का आरोप है कि पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण नहीं दिया गया है. उनके लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है. भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है. वहीं राजनीति के जानकार कहते हैं कि इस मुद्दे पर भाजपा खुद कंफ्यूज नजर आ रही है.

आरक्षण प्रक्रिया पर हंगामा (ETV Bharat)

क्या कहती है कांग्रेस: कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण मुद्दे पर प्रदेश के सभी 33 जिला मुख्यालय में धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है. कांग्रेस ने इस दौरान सरकार पर ओबीसी वर्ग के अधिकारों के हनन का आरोप भी लगाया. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सुभाष स्टेडियम के पास भी जिला कांग्रेस ने धरना दिया. इसका नेतृत्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे ने किया. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

भाजपा लगातार जिनका जो अधिकार है, उससे उन्हें वंचित करते आ रही है. उनके अधिकारों को कुचलना भाजपा का काम है -गिरीश दुबे, जिला अध्यक्ष, कांग्रेस

कांग्रेस का विरोध: कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर कहना है कि भाजपा लगातार ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय करती आई है. पंचायत चुनाव में भी ओबीसी के आरक्षण को खत्म करना यही दर्शाता है. इसके विरोध में कांग्रेस ने प्रदेश के सभी 33 जिला मुख्यालय में धरना दिया.

साल 2019 में पंचायत चुनाव में 27 जिलों में से सात जिलों को ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित किया गया था. अब 33 जिले होने के बाद एक भी आरक्षण ओबीसी वर्ग को जिला पंचायत में नहीं दिया गया है. इस मामले को लेकर भाजपा के बड़े नेताओं ने चुप्पी साथ रखी है -धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

क्या कहती है भाजपा: भाजपा मीडिया विभाग के प्रमुख अमित चिमनानी कहना है कि पिछले नगर निगम चुनाव के बाद 2021-2022 में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया है. जहां एसटीएससी आरक्षण है, जहां पेसा कानून लागू है, ऐसे 16 जिले हैं, वह अनुसूची क्षेत्र के तहत आते हैं. आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता है. आबादी के अनुसार 12 से 13% का आरक्षण मिला है, लेकिन पंचायत अध्यक्ष चुनाव में आरक्षण नहीं मिला. लेकिन ओबीसी वर्ग को वहां से उतारा जा सकता है, क्योंकि वह अनारक्षित सीट है.

भाजपा में केंद्र में रिकॉर्ड स्तर पर मंत्री प्रधानमंत्री ओबीसी के हैं, लेकिन कांग्रेस को बताना चाहिए कि राहुल गांधी और गांधी परिवार किस वर्ग से आता है. ओबीसी वर्ग को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया. कांग्रेस सिर्फ प्रदर्शन कर नाटक कर रही है - अमित चिमनानी, प्रदेश प्रमुख, मीडिया विभाग, भाजपा

जानकारों की राय: राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा का कहना है कि ''वर्तमान स्थिति में स्पष्ट नहीं है कि सरकार आखिर क्या कर रही है.'' प्रदेश में ओबीसी वर्ग की आबादी है, उसके अनुसार उसको प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है. दावे बहुत सारे किए गए. ओबीसी की बात करते हैं ,लेकिन अभी जो आरक्षण प्रक्रिया संपन्न हुई है, उसमें ओबीसी को कुछ नहीं मिला है या यूं कहें कि पंचायत चुनाव में आरक्षण के मुद्दे को लेकर भाजपा खुद ही कंफ्यूज है.

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