उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

पूर्व मंत्री की 70 करोड़ की जमीन हड़पने की साजिश, पूर्व सपा विधायक सहित सात पर FIR - FIR against former SP MLA in Agra

आगरा में पूर्व मंत्री की फर्जी वसीयत के जरिए 70 करोड़ रुपये की 28 बीघा जमीन हड़पने की कोशिशों का खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि फर्जी दस्तावेज के सहारे दो बार ऐसे प्रयास किए गए. लेकिन जांच के दौरान फर्जीवाड़ा पकड़ा गया. इस साजिश को रचने के आरोप में पूर्व सपा विधायक समेत सात पर मामला दर्ज किया गया है.

पूर्व सपा विधायक की बढ़ी मुश्किलें
पूर्व सपा विधायक की बढ़ी मुश्किलें (PHOTO credits ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 28, 2024, 4:33 PM IST

आगरा: उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री और चार बार के विधायक रघुवर दयाल वर्मा की 70 करोड़ की जमीन हड़पने की साजिश का खुलासा हुआ है. आरोप है कि, फर्जी वसीयत बनाकर 28 बीघा जमीन का दो बार आरोपियों ने वारिस बनने का प्रयास किया. जब तहसील की जांच में हकीकत सामने आई तो शनिवार रात शाहगंज थाना पुलिस ने कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. जिसमें शिकोहाबाद के सपा के पूर्व विधायक ओमप्रकाश वर्मा समेत सात नामजद हैं.

बता दें कि, आगरा के आवास विकास कॉलोनी सेक्टर तीन निवासी राजेश कुमार वर्मा की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है. राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि, पूर्व मंत्री रघुवर दयाल वर्मा की 17 जून 2011 को निधन हो गया. उनके कोई औलाद नहीं थी. पूर्व मंत्री रघुवर दयाल वर्मा के निधन से पांच साल पहले ही उनकी पत्नी छोटी देवी का निधन हो गया था. पूर्व मंत्री रघुवर दयाल वर्मा की पैतृक जमीन धांधूपुरा और करभना में 28 बीघा जमीन है. जिसे हड़पने की साजिश रची गई थी. पूर्व मंत्री की सगी बहनें धनवंती और भूदेवी के परिजन ही पूर्व मंत्री के असली वारिस हैं. जिनके जमीन के दस्तावेजों में नाम तहसील में भी अंकित हैं.

वादी राजेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया है कि, अगस्त 2011 में नगला पैमा निवासी शिवराम सिंह, विजेंद्र सिंह और तुरफान ने खुद को रघुवर दयाल वर्मा का वारिस बताते हुए तहसील में प्रार्थना पत्र दिया. जिसे तहसील के अधिकारियों ने जांच के बाद निरस्त कर दिया. इसके बाद आरोपियों ने साजिश के तहत एक और वसीयत तहसील में पेश की. जिसके रजिस्टर्ड होने का दावा किया. वसीयत को आठ जुलाई 1981 का दर्शाया गया. वसीयत पर रघुवर दयाल वर्मा और उप निबंधक तेज बहादुर के फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे. जब कोर्ट के आदेश पर रघुवर दयाल वर्मा और उप निबंधक तेज बहादुर के हस्ताक्षरों का मिलान हुआ तो जांच में हस्ताक्षर फर्जी निकले. इसकी जांच के लिए पूर्व मंत्री रघुवर दयाल वर्मा के हस्ताक्षर की प्रति विधानसभा से निकलवाई गई थी. जब मामला तहसील में चला तो इसका फैसला हमारे पक्ष में हुआ.

डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि, पीड़ित के प्रार्थना पत्र और तहसील में चले वाद के निस्तारण के कागजों के आधार पर शाहगंज थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है. जिसकी शाहगंज थाना पुलिस जांच कर रही है. जिसके बाद आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी.

राजेश कुमार वर्मा की शिकायत पर मुकदमें में नगला पैमा निवासी शिवराम सिंह, विजेंद्र सिंह, तुरफान सिंह, शिकोहाबाद के पूर्व सपा विधायक ओमप्रकाश वर्मा, निहाल, मोहन वर्मा, विशंभर सिंह के साथ साथ तत्कालीन उप निबंधक और कर्मचारी नामजद किए गए हैं. पूर्व विधायक ओमप्रकाश आरोपी बनाए गए शिवराम सिंह के बेटे हैं. जो फर्जी वसीयत में गवाह दिखाए गए हैं.

ये भी पढ़ें: पति ने गिफ्ट में पत्नी को नहीं दिलाई महंगी साड़ी तो चली गई मायके... अब रख दी ये शर्त

ABOUT THE AUTHOR

...view details