जयपुर.राजस्थान विधानसभा के सदन में चार दिन से जारी गतिरोध को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह झगड़ा स्पीकर और मुख्यमंत्री का है. अपने आपसी अंतर्कलह की सजा भाजपा जनता को दे रही है. जनता इंतजार कर रही है कि उनके मुद्दे सदन में कब आएंगे. डोटासरा ने मीडिया से बातचीत में कहा, यह बजट सत्र है. सरकार को बजट का अपना विजन जनता के सामने रखना चाहिए था. लेकिन ये खुद ही गतिरोध करके बैठ गए. चार दिन हो गए. सब देख रहे हैं कि जनता के मुद्दे कब आएंगे.
वसुंधरा राजे कान में क्या कहकर गईं : उन्होंने कहा, यह झगड़ा स्पीकर और मुख्यमंत्री का है. वसुंधरा राजे को जिस तरह इग्नोर किया गया है. यह उसका झगड़ा है. वसुंधरा राजे आई थी. कान में क्या कहकर गई. हम तो कई तरह की बातें सुनते हैं कि मुख्यमंत्री स्पीकर के कहने पर एक अधिकारी भी उनके कहने से नहीं लगाते हैं. चार दिन हो गए. मुख्यमंत्री स्पीकर से बात नहीं कर रहे हैं. स्पीकर सीएम का फोन नहीं उठा रहे हैं.
पढ़ें: सचिन पायलट बोले- भाजपा चाहती है विवाद हो और सदन में गतिरोध रहे, हम डटकर करेंगे मुकाबला
मुख्यमंत्री क्यों नहीं आते बैठकों में : डोटासरा बोले, सीएम सदन के नेता होते हैं. मंत्री और राज्यमंत्री आ रहे हैं. सीएम के पैर में मेहंदी लगी है क्या. क्या उन्हें नहीं नहीं आना चाहिए हमारी मीटिंग में. उनके लिए सदन चलाना महत्वपूर्ण नहीं है क्या. किरोड़ीलाल मीना का प्रकरण. सीएम और स्पीकर के बीच गैप. यह संवादहीनता है. इनके आपसी अंतर्कलह कि ये जनता को सजा दे रहे हैं. इन्हें मंत्री अविनाश गहलोत से उनके बयान के लिए माफी मंगवानी चाहिए.
गुहार लगाने गए थे, कर दिया निलंबित : वहीं, डोटासरा ने एक बयान जारी कर कहा, वे मंत्री की अमर्यादित टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग करने गए थे. उनके सहित छह विधायकों को बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. यह स्थिति ठीक नहीं है. जब सहमति बन गई कि हम पूरी घटना पर खेद प्रकट करेंगे, मंत्री अपने बयान पर माफी मांगेंगे और अमर्यादित टिप्पणी कार्यवाही से हटाई जाएगी. मंत्री ने माफी नहीं मांगी और कार्यवाही से टिप्पणी नहीं हटाई गई. जबकि हमारे तीन नेताओं ने खेद प्रकट किया था.
डोटासरा ने कांग्रेस के विधानसभा घेराव को सफल बताते हुए कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया. आने वाले समय में हम इस सरकार को झुकाकर रहेंगे. मंत्री ने जो अमर्यादित टिप्पणी की है. उसे कार्यवाही से हटाए जाने और मंत्री के माफी मांगने तक हम सदन की किसी कार्यवाही में भाग नहीं लेंगे. सदन की कार्यवाही में सभी 66 विधायक भाग लेंगे. ऐसा नहीं हुआ तो सदन में नहीं सड़क पर लड़ाई लड़ेंगे. कांग्रेस का कार्यकर्ता सरकार को बताएगा कि सरकार कैसे घमंड और तानाशाही में काम कर रही है.
पढ़ें: विधानसभा में तैनात किए गए मार्शल, स्पीकर बोले- कोई यह चाहे कि सदन हाईजैक कर लूं, ऐसा नहीं चलेगा
जूली बोले, सत्ता अहंकार में काम कर रही : टीकाराम जूली ने कहा, हम दिन-रात धरने पर बैठे. गतिरोध खत्म करने के लिए यह तय किया गया कि हम भी खेद प्रकट करेंगे और सरकार की तरफ से भी खेद जताया जाएगा. हमने खेद प्रकट किया. लेकिन संसदीय कार्यमंत्री ने एक शब्द नहीं बोला. स्पीकर के चैंबर में यह तय हुआ था कि मंत्री अपने बयान के लिए माफी मांगेंगे. उन्हें नहीं बुलाया गया. उन्होंने दो शब्द भी नहीं बोले. सदन में गतिरोध खत्म नहीं हुआ तो मैंने सस्पीकर और संसदीय कार्यमंत्री से मुलाकात की. वापस सदन में आकार कहा कि माफी मांगने से कोई छोटा नहीं होता है. गलती उनकी है. फिर भी सदन चलाने के लिए हम इतना सह रहे हैं. सत्ता अहंकार में काम कर रही है.