नई दिल्ली:अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के फ्री इलाज का ऐलान किया, इस बड़ी चुनावी घोषणा के बाद बीजेपी और कांग्रेस लगातार इस योजना को लाने की टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली में चुनाव हारने का डर अरविन्द केजरीवाल को इस कदर सता रहा है कि वो हर दिन महिलाओं वृद्धों, युवाओं व गरीबों के लिए नई चुनावी घोषणाएं करके दिल्ली वालों को गुमराह करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए संजीवनी योजना पूरी तरह से वृद्ध लोगाों की भावनाओं से खिलवाड़ करके उनसे वोट बटोरने की नीति है. क्योंकि लाखों वृद्धों को मिलने वाली पेंशन नियमित रूप से नही मिल रही है, लगभग बंद पड़ी है. अभी पिछले दिनों महिलाओं को 2100 रुपये की अनुदान राशि देने की घोषणा की थी, जिसके पंजीकरण के 2-3 दिन बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नही हो रही है.
देवेंद्र यादव का आरोप-शीला दीक्षित सरकार की योजनाओं को बंद किया
देवेन्द्र यादव ने कहा कि शीला दीक्षित सरकार की सामाजिक सुविधा संगम द्वारा संचालित योजनाओं को मई 2016 में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पूरी तरह बंद कर दिया था. 500 से भी अधिक सरकारी डिस्पेंसरियां और 116 जेंडर रिसोर्स सेंटरों को केजरीवाल के एक ही आदेश पर बंद करके लाखों दिल्लीवालों को मिल रही सुविधाओं को छीनकर अपने कार्यकर्ताओं के घरों में मौहल्ला क्लीनिक खोल दिए, जिसमें छोटी मोटी बीमारियों की दवाई तक नही मिलती है. उन्होंने कहा कि जो घोषणा केजरीवाल ने 60 वर्ष और अधिक उम्र के वृद्धों के लिए वोट बटोरने के लिए की है, कांग्रेस के समय भी 5 लाख तक का मुफ्त इलाज बुजुर्गों का किया जाता था.
देवेन्द्र यादव ने कहा कि अस्पतालों पर दवाब कम पड़े इसलिए कांग्रेस सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में हर विधानसभा में औसतन 6-7 डिस्पेंसरियां खोली, जिनमें दवाई, स्वास्थ्य सुविधाओं सहित हर तरह के टेस्ट भी किए जाते थे और 116 जीआरसी द्वारा सरकार के अंतर्गत कर्मचारी सरकारी योजनाओं की जानकारी दिल्ली की जरुरतमंद जनता तक पहुंचाते थे ताकि लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. कांग्रेस सरकार ने 2013-14 में स्वास्थ्य बजट में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके बजट को 1872 करोड़ से बढ़ाकर 2490 करोड़ दिया, इसमें 7 अन्य डिस्पेंसरियां खोलने का भी प्रस्ताव था.