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कांग्रेस विधायक और जिलाध्यक्ष पर पैसा दबाने का आरोप, पार्षद प्रत्याशी बोला इसलिए हारे कैंडिडेट - ACCUSED OF MISAPPROPRIATION

गौरेला में कांग्रेस पार्षद प्रत्याशी ने अपनी हार का कारण बड़े नेताओं को बताया है.प्रत्याशी के मुताबिक पार्टी फंड नहीं मिलने से चुनाव हारा.

Congress MLA and District President accused
कांग्रेस विधायक और जिलाध्यक्ष पर पैसा खाने का आरोप (ETV BHARAT CHATTISGARH)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 18, 2025, 5:29 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही :गौरेला नगर पालिका परिषद के वार्ड क्रमांक 7 से कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रदीप कुमार सोनी उर्फ (डब्लू) ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं.प्रदीप सोनी के मुताबिक उन्हें एक डमी कैंडिडेट के तौर पर खड़ा किया गया.क्योंकि ना ही उनके चुनाव प्रचार में कोई मदद की गई और ना ही पार्टी फंड से किसी तरह की मदद मिली.हालांकि इस पूरे मामले में पार्टी के जिलाध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ने किसी भी कैंडिडेट को फंड उपलब्ध नहीं कराया.


क्या है प्रदीप सोनी के आरोप ?:कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशी प्रदीप सोनी ने कहा कि उनके चुनाव हारने का कारण पार्टी के बड़े नेता हैं.क्योंकि उन्हें चुनाव में पार्टी की ओर से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली.जिसके कारण उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. प्रदीप सोनी का कहना है मुझे डमी कैंडिडेट के तौर पर खड़ा किया गया. जिससे मेरा चुनाव प्रचार भी नहीं हो सका.निकाय चुनाव में हर किसी को लगता है कि सामने वाला कैंडिडेट उनके लिए कुछ खर्च करे.ताकि चुनाव प्रचार हो सके.

कांग्रेस विधायक और जिलाध्यक्ष पर पैसा दबाने का आरोप (ETV BHARAT CHATTISGARH)

कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के जरिए प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने और चुनाव प्रचार के लिए फंड के रूप में 15 हजार की मदद की गई थी. लेकिन कुछ वार्डों में प्रत्याशियों को यह राशि संगठन की ओर से उपलब्ध नहीं कराई गई. जिसकी वजह से उनकी चुनाव में हार हो गई. हमारे लिए जो पार्टी ने राशि दी थी,उसका बंदरबांट कर लिया गया - प्रदीप सोनी, कांग्रेस पार्षद प्रत्याशी

वहीं जिला कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम वासुदेव ने इन आरोपों का खंडन किया है.उत्तम वासुदेव की माने तो कोटा विधायक ने अपने करीबी प्रत्याशियों को खुद से मदद की थी.इसके लिए पार्टी से कोई फंड नहीं आया.यदि पार्टी से फंड आया होता तो प्रत्याशियों को जरुर उपलब्ध करवा दिया गया होता.चुनाव में जो अध्यक्ष पद के लिए लड़ता है वो ही पार्षद प्रत्याशियों को मैनेज करता है.

पार्टी की ओर से किसी भी तरह का फंड नहीं आया.जो बात प्रदीप सोनी कह रहे हैं वो पूरी तरह से गलत है.कोटा विधायक ने अपने करीबी पार्षदों को खुद से मदद की थी.ना कि पार्टी की ओर से किसी जारी फंड से.रही बात पार्टी फंड की तो प्रदीप सोनी स्वयं ये पता लगा सकते हैं कि पार्टी की ओर से कितना फंड दिया गया था- उत्तम वासुदेव, जिलाध्यक्ष कांग्रेस

आपको बता दें कि प्रदीप सोनी के आरोपों के बाद एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के अंदर खलबली मची हुई है. प्रदीप सोनी का मानना है कि उन्हें यदि फंड मिला होता तो चुनाव की तस्वीर कुछ और होती.बहरहाल इस मामले में कांग्रेस की ओर से ये साफ कर दिया गया है कि पार्टी ने किसी भी कैंडिडेट को फंड नहीं उपलब्ध कराया.

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