देहरादून: धामी सरकार ने विधानसभा के पटल पर 89 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश कर दिया है. जिसे सरकार ऐतिहासिक बजट बता रही है तो वहीं विपक्ष लगातार बजट को लेकर सवाल खड़े कर रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए खाली लिफाफा करार दिया है. उन्होंने कहा कि बजट में विकास और जन कल्याण के लिए पैसा ही नहीं बचा है. क्योंकि, 26 से 27 हजार करोड़ रुपए तो उत्तराखंड के ऊपर कर्ज की किस्तों और ब्याज के भुगतान पर चला जाएगा.
कर्ज की किस्त और ब्याज चुकाने में चले जाएंगे 26 से 27 हजार करोड़ रुपए:पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इस बार का बजट 89 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का पेश किया गया है, लेकिन हकीकत में देखें तो इसमें विकास और जन कल्याण के लिए पैसा ही नहीं बचा है. इस समय उत्तराखंड करीब 90 हजार करोड़ रुपए के कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है. इस बजट में से 26 से 27 हजार करोड़ रुपए तो कर्ज की किस्तों और ब्याज के भुगतान पर चला जाएगा. इतना ही बड़ा हिस्सा करीब 26 से 27 हजार करोड़ रुपए राज्य कर्मचारियों के वेतन, भत्तों पेंशन आदि के भुगतान में चला जाएगा.