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कानपुर से कांग्रेस ने फिर चला ब्राह्मण कार्ड, आलोक मिश्रा पर ही फिर जताया भरोसा, ये है पॉलिटिकल प्रोफाइल - loksabha election 2024 - LOKSABHA ELECTION 2024

कानपुर से कांग्रेस ने फिर ब्राह्मण कार्ड चला है. पार्टी ने एक बार फिर आलोक मिश्रा पर भरोसा जताया है. चलिए जानते हैं उनकी पॉलिटिकल प्रोफाइल के बारे में.

loksabha election 2024
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 24, 2024, 6:59 AM IST

Updated : Mar 24, 2024, 7:39 AM IST

कानपुर: लोकसभा चुनाव को देखते हुए कई दिनों के इंतजार के बाद आखिरकार होली से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस ने आलोक मिश्रा को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. कांग्रेस के ब्राह्मण कार्ड को देखते हुए अब भाजपा खेमे में खलबली मच गई है. दरअसल साल 2014 और 2019 का जो लोकसभा चुनाव हुआ उसमें बीजेपी ने भी ब्राह्मण कार्ड ही चला था,जिस पर दोनों सीटें भाजपा की झोली में गई थीं. अब ऐसे में जब कांग्रेस ने ब्राह्मण प्रत्याशी को ही मैदान में उतार दिया है तो निश्चित तौर पर भाजपा के दिग्गजों को एक बार फिर अपने चेहरे के लिए मंथन करना होगा. पिछले कई दिनों से कांग्रेस में आलोक मिश्रा के नाम पर चर्चा तो थी लेकिन पूर्व विधायक अजय कपूर का भी नाम कई दिनों से चल रहा था. फरवरी में जब शहर में सांसद राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा का रोड शो किया था, उस समय से आलोक मिश्रा और अजय कपूर राहुल गांधी के साथ जीप पर थे. मगर कुछ दिनों पहले ही पूर्व विधायक रहे अजय कपूर ने जब भाजपा का दामन थामा तो कांग्रेस में यह बात पूरी तरीके से तय हो गई कि आलोक मिश्रा ही प्रत्याशी होंगे. वहीं कांग्रेस की ओर से शनिवार शाम को आलोक मिश्रा के नाम पर मुहर लगा दी गई.


क्राइस्ट चर्च कॉलेज से राजनीति में आए: शहर में कांग्रेस के प्रत्याशी आलोक मिश्रा ने राजनीतिक करियर की शुरुआत शहर के प्रतिष्ठित क्राइस्टचर्च कॉलेज से की थी. इसके बाद आलोक मिश्रा ने कांग्रेस का दामन थामा, और फिर वह कांग्रेस के साथ ही जुड़े. साल 2002 में कांग्रेस से आलोक मिश्रा को कल्याणपुर से विधानसभा प्रत्याशी बनाया गया था. इसमें उन्हें 4000 वोटों से हार मिली थी. हालांकि कांग्रेस ने उन पर दोबारा भरोसा जताया और साल 2007 में फिर से अपना प्रत्याशी कल्याणपुर से ही बना दिया था लेकिन एक बार फिर आलोक मिश्रा को भाग्य का साथ नहीं मिला और भाजपा की प्रत्याशी रहीं पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार ने उन्हें 10000 से अधिक वोटों से हरा दिया था. बावजूद इन सब के आलोक मिश्रा का कांग्रेस में दबदबा बरकरार रहा और साल 2017 में कांग्रेस ने आलोक मिश्रा की पत्नी वंदना मिश्रा को मेयर का टिकट दिया. इस चुनाव में भी आलोक मिश्रा को हार का ही सामना करना पड़ा था और यह सीट भी भाजपा के खाते में गई थी.


अब भाजपा के प्रत्याशी को लेकर चर्चा: कुछ दिनों पहले ही बहुजन समाज पार्टी ने कानपुर से अधिवक्ता व युवा चेहरे कुलदीप भदौरिया को टिकट दिया तो वहीं शनिवार देर रात कांग्रेस ने आलोक मिश्रा को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. अब पूरे शहर में लोगों की जुबान पर बस एक ही चर्चा है कि आखिर भाजपा से कौन होगा लोकसभा का प्रत्याशी? वहीं कांग्रेस की ओर से ब्राह्मण प्रत्याशी आने पर सियासी जानकारों का कहना है,कि निश्चित तौर पर अब कानपुर सीट पर लोकसभा 2024 का चुनाव बेहद रोचक होने वाला है. हालांकि इस पर तस्वीर तो 4 जून को ही साफ होगी कि किसके सिर पर सांसद का ताज सजा होगा.

Last Updated : Mar 24, 2024, 7:39 AM IST

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