मेरठ: कॉमेडियन सुनील पाल के अपहरण मामले में मेरठ पुलिस अब गुनहगारों के बेहद करीब पहुंच गई है. मेरठ के दो ज्वेलर्स के यहां से सुनील पाल के नाम पर ज्वेलरी खरीदने वाले दोनों बदमाश एक ही थे. अब इस मामले में पुलिस जल्द ही बड़ा खुलासा कर सकती है.
मुंबई से इवेंट के बहाने बुलाकर और फिर अपहरण कर मेरठ में 24 घंटे बंधक बनाए गए हास्य कलाकर कॉमेडियन सुनील पाल के पैसे से जो ज्वेलरी खरीदी गई थी, उसके सहारे अब मेरठ पुलिस उन तक पहुंचने में सफल होती दिखाई दे रही है.
सोमवार को पूरे दिन मेरठ के दो अलग-अलग ज्वेलर्स की सीसीटीवी फुटेज के साथ ही पुलिस ने बेगमपुल और लालकुर्ती इलाके के सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों को खंगाला. इसके बाद मेरठ पुलिस इस नतीजे पर पहुंच गई है कि दोनों ज्वेलर्स के यहां जिन लोगों ने कॉमेडियन सुनील पाल से फिरौती के रूप में वसूली गई रकम से आभूषण खरीदे थे वह दो ही लोग थे. दोनों जगह यही दोनों बदमाश गए थे. पुलिस की मानें तो दोनों बदमाश बिजनौर जिले के रहने वाले हैं. जिनकी पहचान कर ली गई है. हालांकि, अभी तक वह पकड़े नहीं गए हैं.
बता दें कि मेरठ के सर्राफा व्यापारियों के खाते जब फ्रीज हुए तो यह पूरा मामला संज्ञान में आया, जिसके बाद मेरठ पुलिस लगातार गंभीरता से पड़ताल में जुट गई है. इतना ही नहीं दिल्ली से सुनील पाल को लाने वाले टैक्सी चालक को भी पुलिस ने खोज लिया है. पुलिस उसको हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
हालांकि उसका यह कहना है कि जब वह ढाबे पर था तो सुनील पाल कुछ देर में वापस आने की बात कहकर कहीं गए थे. लेकिन, फिर लौटे ही नहीं. अब पुलिस उस ढाबे तक भी पहुंच चुकी है, जिस ढाबे से सुनील पाल अगवा किए गए थे.
इस बारे में एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का कहना है कि पुलिस इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है. सोमवार को पुलिस ने कुल 10 टीम लगाकर दिल्ली-देहरादून हाईवे से लेकर मेरठ शहर के बेगमपुल तक जो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उनकी फुटेज खंगालने का काम किया है. मेरठ के दो आभूषण विक्रेताओं राधेश्याम ज्वेलर्स और आकाश गंगा ज्वेलर्स से ज्वेलरी खरीदने वाले दोनों बदमाश एक ही थे, अब तक यह बात स्पष्ट हो चुका है.
फिलहाल, अभी तक पुलिस को इस मामले में ज्वेलरी खरीदने वालों की तलाश है, लेकिन अब यह माना जा रहा है कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. बता दें कि सोशल मीडिया पर सुनील पाल कई बार इस पूरी घटना को लेकर सूचना दे चुके हैं. उनका कहना है कि ऐसे लोगों पर सख्त एक्शन होना चाहिए. क्योंकि, वह पूरी तरह से तनाव में आ गए थे, उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आगे उनका क्या होगा.
सुनील पाल ने सोशल मीडिया पर यह भी बताया है कि जो बदमाश उन्हें अगवा किए थे, वह मेरठ बिजनौर की भाषा बोल रहे थे. वह ज्यादा समय तक उनकी आंखों पर पट्टी बांधकर रखते थे. उनके पास हथियार थे. उन्हें उनकी सुपारी मिली है, डराने के लिए बार-बार ऐसा बोलते थे.