रोहतास: लोकसभा चुनाव के बीच बिहार के रोहतास में एक टी-स्टॉल चर्चा का सबब बना हुआ है. दरसल जिले के डेहरी शहर के नगर थाना के मुख्य द्वार के पास शहर के एक कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा ने अपना चाय का स्टाल लगाया है. जिसके बैनर पर कई संदेश लिखे हैं. आसपास के लोग इस छात्रा की आत्मनिर्भरता की चर्चा चारों ओर कर रहे हैं.
घर की हालत देख बनी आत्मनिर्भर चाय वाली: बता दें कि शहर में नगर परिषद के पास सालों से किराए पर रहने वाले दूधनाथ राम पिछले साल पहले नेत्रहीन हो गए. घर में केवल चार पुत्री हैं, जिसमें दो की शादी हो चुकी है. जबकि तीसरे नंबर की पुत्री सुमन कुमारी घर के हालात को देख कॉलेज में पढ़ाई के साथ पिता को सहारा देने के उद्देश्य से थाना के मुख्य द्वार के चाय का स्टाल भी चलाती है. इस खास चाय के स्टॉल का नाम आत्मनिर्भर चाय वाली है.
शुरुआत में हुई थोड़ी झिझक: सुमन कुमारी ने बताया कि उसका कोई भाई नहीं है, चार बहनों में छोटी बहन पढ़ाई करती है, जबकि स्थिति को देख उसने खुद चाय स्टॉल लगाना शुरू कर दिया. नेत्रहीन पिता अपनी पुत्री के सहारे स्टॉल तक पहुंच कर साथ में बैठते हैं. सुमन कहती कि शुरुआत में उसे थोड़ी झिझक हुई लेकिन वह शिक्षित है, जिसके साथ ही उसने आत्मनिर्भरता जैसे शब्दों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास किया. आर्थिक तंगी व पूंजी के अभाव के बाद उसने चाय स्टाल की शुरुआत की.
सुबह-शाम लगता है टी-स्टॉल: वह बताती है कि सुबह और शाम कुल 5 घंटे चाय का स्टॉल लगाना शुरू किया है, ताकि परिवार का भरण पोषण हो सके. साथ ही स्टॉल के माध्यम से अपने जैसे सभी लोगों को यह संदेश भी देना है कि जीवन में आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है. सुमन की आत्मनिर्भरता को देख आस पास के लोग उसके दुकान पर पर चाय पीने के साथ उसकी प्रशंशा करते नहीं थकते.