शिमला: हिमाचल के अधिकांश हिस्सों में बुधवार को शीतलहर तेज हो गई है. क्योंकि न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे रहा और ऊंचाई वाले इलाकों में पानी के सभी प्राकृतिक स्रोत जम गए हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 1 जनवरी से पिछले 38 दिनों में मौसम की अनियमितता के कारण राज्य को 50 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. आंकड़ों के अनुसार कम से कम 37 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए. जबकि 20 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.
मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार अधिक ऊंचाई वाले जनजातीय क्षेत्र, पहाड़ी दर्रे और अन्य ऊंचे स्थान शीतलहर की चपेट में हैं. क्योंकि पारा हिमांक बिंदु से 14 डिग्री से 20 डिग्री नीचे बना हुआ है. पानी के सभी प्राकृतिक स्रोत जैसे झीलें, झरने, नाले और बर्फ से ढकी नदियों की सहायक नदियां और चंद्रभागा नदी का एक बड़ा हिस्सा जम गया, जिसके परिणामस्वरूप सतलुज, रावी, ब्यास और अन्य नदियों में पानी का बहाव कम हो गया.
आईएमडी के मौसम बुलेटिन के अनुसार, लाहौल और स्पीति का कुसुमसेरी बुधवार को राज्य में सबसे ठंडा रहा. जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 12.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. अधिकांश स्थानों पर पारा हिमांक बिंदु के आसपास रहा और सुमदो में न्यूनतम तापमान शून्य से 9.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. इसके अलावा कल्पा में तापमान शून्य से 5.8 डिग्री सेल्सियस नीचे, नारकंडा में शून्य से 4 डिग्री सेल्सियस नीचे, मनाली में शून्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस नीचे, भरमौर में शून्य से 2.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. रिकांगपिओ में तापमान शून्य से 2.5 डिग्री नीचे दर्ज किया गया.
सोलन और पालमपुर में न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जबकि शिमला, भुंतर और सुंदरनगर में क्रमशः 0.3 डिग्री सेल्सियस, 0.4 डिग्री सेल्सियस और 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अधिकांश स्थानों पर सुबह के समय जमीन पर घना पाला पड़ गया, जिससे लोगों को सावधानी से वाहन चलाने और गति धीमी करने के लिए प्रेरित किया गया. मौसम विभाग के अनुसार ऊंची पहाड़ियों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बर्फबारी हुई.