लखनऊ : बिहार प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में लगातार कई पुल क्षतिग्रस्त होकर गिर गए जिससे कई तरह की दुर्घटनाएं सामने आई हैं. ऐसी घटनाओं के बाद उत्तर प्रदेश सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक की और संबंधित अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश दिए.
बैठक में सीएम ने कहा कि जो पुराने पुल हैं, उनका निरीक्षण कराया जाए, अगर वह सुरक्षित ना हों तो तत्काल उन्हें बंद कर दिया जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा की और निर्माण कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विभिन्न आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले प्रदेश के सभी सेतुओं का सूक्ष्मता से निरीक्षण कराया जाए. उनके सुपर स्ट्रक्चर, पियर की स्थिति, सेतुओं के वाटर-वे में ब्लाकेज, पियर के साइड में स्कावर होल, सेतु के एबटमेंट ढाल एवं बोल्डर का परीक्षण कराया जाना चाहिए. निरीक्षण के समय कोई सेतु असुरक्षित नजर आता हो तो तत्काल उसे यातायात के लिए बंद किया जाए. स्थानीय जिला प्रशासन को इसकी सूचना दें.
उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत जनपदों में इनसे जुड़े मार्गों को शत प्रतिशत गड्ढामुक्त किया जाए. 15 जुलाई तक यह कार्य पूरा करा लिया जाए. ऐसे मार्ग, जहां जलभराव होता है, उन स्थानों पर जल निकासी की व्ययस्था सुनिश्चित की जाए. ब्लॉक मुख्यालयों को 02 लेन सड़क की कनेक्टिविटी देने का संकल्प समय से पूरा होना चाहिए. प्रदेश के अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पड़ने वाले मार्गों पर भव्य द्वार बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराएं. जहां भूमि की अनुपलब्धता हो, तत्काल स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें, द्वार सीमा पर ही बनाए जाएं. यह आकर्षक हों, यहां प्रकाश व्यवस्था भी अच्छी हो.