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सीएम योगी बोले-स्लो प्वाइजन के रूप में हर व्यक्ति की धमनियों में घुस रहा केमिकल, प्राकृतिक खेती की ओर देना होगा ध्यान - CM Yogi Adityanath

लखनऊ में आयोजित प्राकृतिक खेती मेले को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि फर्टिलाइजर, केमिकल और पेस्टिसाइड स्लो प्वाइजन है, जो हमारे शरीर में धीरे-धीरे जा रहा है.

लखनऊ में प्राकृतिक खेती मेला.
लखनऊ में प्राकृतिक खेती मेला. (Photo Credit; UP Government Media Cell)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 19, 2024, 4:12 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्राकृतिक खेती पर आधारित भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस प्राकृतिक खेती मेले का शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन किया. इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों से कृषि वैज्ञानिक और बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए हैं.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राकृतिक खेती में जिन अन्नदाता किसानों ने एक अच्छी शुरुआत की है, वह काबिले तारीफ है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश जैसे राज्य में कृषि उत्पादन की दर को देश के अंदर सर्वाधिक करने का गौरव उन्हीं को है. मध्य प्रदेश के किसानों के लिए मुख्यमंत्रित्व काल में अद्भुत कार्य किया था. राज्य भी देश के अंदर प्रथम है, इसीलिए मध्य प्रदेश के उनके अनुभव और प्राकृतिक खेती के साथ कृषि और किसान कल्याण के साथ-साथ ग्रामीण विकास का भरपूर फायदा मिला है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती काफी लाभकारी है. अब प्राकृतिक खेती की तरफ लोगों का रुझान बढ़ रहा है. 100 से डेढ़ सौ साल पहले प्राकृतिक खेती की जाती थी. अब हमें इतिहास के पन्नों को पलटना पड़ेगा. क्योंकि जब धरती वास्तविक प्राकृतिक रूप में थी और उसमें समय के अनुरूप खेती किसानी के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया तो देश के अंदर बहुत सारे क्षेत्र इसके उदाहरण है, जहां पर हरित क्रांति के पहले उत्पादन खेती भी ज्यादा थी. ठहराव आने के बाद जब उन क्षेत्रों में हरित क्रांति के बाद फर्टिलाइजर, केमिकल और पेस्टिसाइड का उपयोग होना प्रारंभ हुआ. कुछ समय के लिए उत्पादन बढ़ता हुआ दिखाई दिया, लेकिन आज उसके दुष्प्रभाव से हम इस जीव सृष्टि को बचा पाने में बहुत कठिनाई महसूस कर रहे हैं. वह सीधे जहर के रूप में नहीं आ रहा है लेकिन एक स्लो प्वाइजन के रूप में हर व्यक्ति की धमनियों में घुसता जा रहा है. यह केवल मनुष्य के लिए नहीं बल्कि जीव जंतुओं के लिए भी हानिकारक है.
सीएम योगी ने कहा कि हमे बीज से लेकर बाजार तक इसके प्राकृतिक स्वरूप को बचाए रखना होगा. उत्तर प्रदेश में इसकी व्यापक संभावनाएं हैं. हमारे यहां खेती योग्य जो भूमि है, वह देश की कुल कृषि योग्य भूमि का 12 फीसदी है. उत्तर प्रदेश देश के अंदर 30 फ़ीसदी खाद्यान्न का उत्पादन करता है, लेकिन अब हमें आज की आवश्यकता के अनुरूप क्वालिटी की तरफ भी ध्यान देना पड़ेगा. जो हैप्पीनेस इंडेक्स को सही मायने में धरातल पर उतार सके. पहले भारत के बारे में कहा जाता था कि लोगों के पास साधन कम थे पर आवश्यकता भी कम थी तो व्यक्ति में खुशहाली ज्यादा थी. हैप्पीनेस इंडेक्स को उस खुशहाली के साथ जोड़कर जब हम देखते हैं तो व्यक्ति अपने आप में मस्त रहकर व्यवस्था के साथ जुड़ा हुआ रहता था. सरकार पर उसकी निर्भरता न के बराबर होती थी. लेकिन राष्ट्रीय आंदोलन में जब बात आती है तो बढ़ चढ़कर भाग लेता था. देश की आजादी का प्रश्न हुआ तो उसने अपना सब कुछ छोड़ दिया. किसी ने खेती-बाड़ी छोड़ दी, किसी ने अपने काम छोड़ दिए लेकिन देश को आजाद करने निकल पड़ा. देश की उस समय की पीढ़ी ने हमारे लिए बहुत कुछ किया. अब हमारी बारी है.

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