देहरादून/ऋषिकेश/बागेश्वर/टिहरी/मसूरी: देश के स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में देहरादून के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत तमाम नेताओं ने शिरकत की. इस दौरान सीएम धामी ने विभाजन की विभीषिका का दर्द सहने वाले तमाम सेनानियों के परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.
बता दें कि साल 2021 में देश के विभाजन के दर्द को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' मनाने का निर्णय लिया. जिसके बाद से ही हर साल 14 अगस्त को विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है. 14 अगस्त 1947 का दिन भारत के विभाजन के दौरान हुए दिक्कतों और बलिदानों को याद करने के लिए समर्पित है. देश के विभाजन के दौरान लाखों लोग विस्थापित हुए थे. साथ ही कई लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.
इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश के विभाजन के दौरान लोगों के संघर्ष और बलिदान को सम्मान देना है. वहीं, सीएम धामी ने कहा कि देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. 15 अगस्त 1947 को जब हम आजादी का जश्न मना रहे थे तो वहीं, दूसरी ओर देश के विभाजन का भी हमने दुख सहा है. भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के चलते सामने आई तमाम परिस्थितियों को देखते हुए भारत दो टुकड़ों में विभाजित हुआ.
वहीं, सीएम धामी ने कहा कि 1947, 1971 के बाद आज फिर बांग्लादेश की घटना लोगों को पलायन के लिए मजबूर कर रही है. आज हम सबको बांग्लादेश के हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय की चिंता करनी है, लेकिन देश में छोटी-छोटी घटनाओं पर विरोध करने और मानवाधिकार की बात करने वाले लोग सामने नहीं आ रहे हैं.
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