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सीएम हेमंत सोरेन और कल्पना ने मारांग बुरु दिशोम मांझी थान में की पूजा, राज्य की उन्नति के लिए की प्रार्थना - Marang Buru Dishom Majhi Than

सीएम हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना के साथ मारांग बुरु दिशोम मांझी थान पहुंचे. ये स्थान आदिवासियों की आस्था का केंद्र है. इस स्थल के प्रति संथाल समाज विशेष आस्था रखता है. इस पवित्र स्थल पर पूजा अर्चना करने सूबे के सीएम हेमंत सोरेन भी पहुंचे. अपनी धर्मपत्नी कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे सीएम ने यहां पूजा अर्चना की.

Marang Buru Dishom Majhi Than
अपनी पत्नी कल्पना के साथ सीएम हेमंत सोरेन (फोटो- ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 19, 2024, 3:32 PM IST

गिरिडीह: मारांग बुरु दिशोम मांझी थान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी धर्मपत्नी कल्पना सोरेन ने पूजा की. यहां नायके (पुजारी) चांदोलाल टुडू के द्वारा पारंपरिक संथाली तरीके से पूजा अर्चना करवायी गयी. देवता की पूजा करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य की उन्नति की कामना की. इससे पहले दोपहर एक बजे मुख्यमंत्री मधुबन के कल्याण निकेतन पहुंचे. यहां के बाद उनका काफिला पर्वत पर पहुंचा. यहीं पर उनके द्वारा पूजा की गई. इस दौरान राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद, गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार के अलावा जिले के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी दीपक कुमार शर्मा के अलावा कई लोग मौजूद थे.

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ (ईटीवी भारत)

संथाल विद्रोह से पहले यहां की गई थी पूजा

मारांग बुरु दिशोम मांझी थान के प्रति संथाल समाज की विशेष आस्था है. समाज के लोग बताते हैं कि संथाल समाज के लोग जब भी कुछ कार्य करते हैं तो दिशोम मांझी थान को याद करते हैं. यह भी बताया जाता है कि सिद्धो-कान्हू समेत कई महानायकों ने अंग्रेज के खिलाफ जब संथाल विद्रोह शुरू हुआ तो सबसे पहले यहां मारांग बुरु का नाम लेकर पूजा की थी और फिर उसके बाद क्रांतिकारी मैदान में कूदे थे.

यहीं पूजा कर कल्पना कूदी थी राजनीति में

यहां यह भी बता दें कि जब हेमंत सोरेन जेल में बंद थे उस समय 4 मार्च को कल्पना मुर्मू सोरेन यहां पहुंची थी. यहां पर पूजा करने और मन्नत मांगने के बाद कल्पना सोरेन गिरिडीह झामुमो के स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुईं थीं और राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. ऐसे में यह स्थल काफी पूजनीय है और संथाल समाज के लोगों की अटूट आस्था भी जुड़ी हुई है.

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