धमतरी : इंसानों को घड़ी वक्त का अहसास कराती है.वक्त कभी किसी के लिए नहीं रुकता.जो आज है वो आने वाले समय के बाद कल बन जाएगा. कल कुछ साल बाद इतिहास में बदल जाएगा.हर किसी को समय के बारे में जानकारी घड़ी देती है.आधुनिक युग में घड़ी की जगह मोबाइल फोन ने ली है.बावजूद इसके वक्त देखने के लिए घड़ी का ही सहारा लिया जाता है. बड़े शहरों में आज भी चौराहों में बड़ी घड़ियां लोगों को समय की जानकारी देते नजर आ जाएंगी.धमतरी में भी लोगों को वक्त की सही जानकारी देने के लिए एक बड़ी घड़ी लगाई गई थी.लेकिन आज ये घड़ी थम चुकी है. नगर घड़ी का वक्त 11 बजकर 20 मिनट पर आकर रुक चुका है.
राहगीरों को गुमराह कर रही घड़ी :लाखों रुपए की लागत से साल 2009 में धमतरी में नगर घड़ी लगाई गई थी. जब से ये घड़ी बनी है तब से लेकर आज तक ना जाने कितनी बार ये खराब हो चुकी है. नगर घड़ी के नीचे शास्त्री जी की मूर्ति भी इसमें लगाई गई है.नगर घड़ी शहर की सुंदरता को प्रदर्शित करता है. लेकिन फिलहाल ये खुद के सही होने का इंतजार कर रहा है. नगर घड़ी चौक शहर के मुख्य मार्ग पर बना हुआ है. यहां से गुजरकर रायपुर, जगदलपुर समेत अन्य शहर और राज्यों तक पहुंचते हैं. 24 घंटे यहां से वाहनों की आवाजाही लगी रहती है. लेकिन चाहे सुबह हो या शाम ये घड़ी लोगों को सिर्फ एक ही समय 11 बजकर 20 मिनट ही बता रहा है.
व्यापारियों ने घड़ी को विकास से जोड़ा :शहर के व्यापारी राजू पंजवानी के मुताबिक जैसे घड़ी बंद है, वैसे ही धमतरी वालों का समय भी बंद हो गया है. कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. फिर चुनाव आ गया है फिर नेता लोग वोट मांगने के लिए आएंगे. धमतरी में नगर निगम ने कुछ काम नहीं किया है. राज्य में बीजेपी की सरकार को भी एक साल होने को है. धमतरी के लिए एक भी योजना नहीं निकाली गई है.
धमतरी की घड़ी पिछले 5 महीने से खराब है. इसकी मशीन पहले ऊपर हुआ करती थी. चढ़ने उतरने में परेशानी को देखते हुए कुछ मशीन को नीचे उतार कर डिब्बे में डाला गया था. घड़ी महीनों पहले 11 बजकर 20 मिनट में जो बंद हुई है आज भी यही टाइम बता रही है. नगर घड़ी का मतलब यह है कि जिन लोगों के पास घड़ी नहीं है. खासकर राहगीर आते जाते इसी घड़ी को देखकर अपना काम करते हैं. यह घड़ी गुमराह कर रही है. शहर का एंट्री गेट ही घड़ी चौक है. मतलब धमतरी का समय ही बंद पड़ गया है-राजू पंजवानी, व्यापारी
व्यापारी मोहम्मद सलीम ने कहा कि धमतरी का समय शुरू से ही खराब चलता आ रहा है. इतनी बड़ी घड़ी बनाई गई है लेकिन यह कोई काम का नहीं है. जब देखो तब यह बंद पड़ा रहता है. इसे बनवाते हैं चार दिन चलता है. फिर 6 महीने बंद रहता है.