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क्रिसमस 2024: प्राचीन चर्च में हुई प्रार्थना सभाएं और स्तुति, खुशहाली और सलामती के लिए की दुआएं - MERRY CHRISTMAS 2024

अजमेर, उदयपुर, खेतड़ी सहित प्रदेश के कई हिस्सों में क्रिसमस डे पर विभिन्न आयोजन हुए. लोगों ने खुशहाली और सलामती की दुआएं मांगी.

क्रिसमस 2024
Merry Christmas 2024 (ETV Bharat Ajmer)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 24 hours ago

अजमेर: देश और दुनिया में मसीह समाज के लिए आज क्रिसमस का दिन बड़ा है. क्रिसमस पर्व पर अजमेर के सभी प्राचीन चर्चो में सुबह से ही धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए. चर्चो में प्रार्थना सभाएं हुई. प्रभु यीशु की आराधना करते हुए मसीह समाज के लोगों ने स्तुति की. विभिन्न चर्चों के बिशप और फादर ने मसीह समाज के लोगों को प्रभु यीशु के जन्म और उद्देश्य को लेकर प्रवचन सुनाएं. प्रार्थना सभाओं में देश में अमन-चैन, भाईचारे और उन्नति के लिए भी दुआएं की गई.

अजमेर के विभिन्न प्राचीन चर्चों में सुबह से ही प्रार्थना, स्तुति और आराधना का दौर जारी रहा. इसके बाद विभिन्न समाज और राजनीति दलों के लोग मसीह समाज के लोगों को क्रिसमस की बधाई देने के लिए चर्च पंहुचे. मसीह समाज के लोगों ने भी गले लगकर एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाई दी. नए कपड़ों में सजे धजे मसीह समाज के लोगो ने चर्च में बड़ों से आशीष ली और छोटों पर खूब प्यार लुटाया. साथ ही सबको प्रभु यीशु के मानवता के संदेश का अनुसरण करने का संकल्प लिया.

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नए साल तक मनाया जाएगा क्रिसमस का जश्न: क्रिसमस से लेकर नए वर्ष तक मसीह समाज के लोग क्रिसमस सेलिब्रेशन में सराबोर रहेंगे. विभिन्न चर्चों में पूरे एक हफ्ते विविध कार्यक्रम अलग-अलग दिन पर होंगे. इनमें सांस्कृतिक कार्यक्रम समेत विभिन्न प्रतियोगिताएं भी होंगी. चर्चों की समितियां यूथ टीम के साथ मिलकर इन कार्यक्रमों को खास बनाने की तैयारी भी कर चुकी हैं.

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1 जनवरी तक मनाया जाएगा सेलिब्रेशन:आगरा गेट स्थित रॉबसन चर्च में सचिव और यूथ संगठन के अध्यक्ष आशीष बताते हैं कि क्रिसमस पर्व की शुरुआत देर रात चर्च में नाइट सर्विस से होती है. रात 12 बजे विशेष प्रार्थना सभाओं के अलावा प्रभु यीशु की स्तुति की जाती है. अगले दिन भी चर्च में मसीह समाज के लोग परिवार के साथ प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में प्रार्थना सभा में शरीक होते हैं. उन्होंने बताया कि क्रिसमस सेलिब्रेशन पूरे सप्ताह यानी 1 जनवरी तक मनाया जाएगा.

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श्रद्धालु ईशिता बताती हैं कि मसीह समाज में खुशी का माहौल है. इस खुशी को बांटने के लिए एक-दूसरे के घर जाएंगे. घरों में बने पकवानों का आनंद लेंगे. शाम को परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर क्रिसमस सेलिब्रेट करेंगे. आयुष बताते हैं कि 1 दिसंबर से यूथ की टीमें गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले जाकर प्रभु यीशु के आगमन का संदेश रोज रात को केरल सॉन्ग के माध्यम से सुनती हैं. इसके अलावा चर्चों में विशेष सजावट, विभिन्न कार्यक्रमों की तैयारी में सहयोग करती है. लिहाजा सर्विस के बाद क्रिसमस सेलिब्रेशन का उत्साह दोगुना हो जाता है.

मानवता की करें सेवा:डॉ अंजलि सैमुअल बताती हैं कि प्रभु यीशु ने मानवता के लिए जोसेफ और मरियम के घर जन्म लिया. अपने जीवन काल में प्रभु यीशु ने लोगों को मानवता का संदेश दिया. लोभ और स्वार्थ छोड़कर एक-दूसरे का सहयोग और प्रेम करने का दुनिया को पाठ पढ़ाया. क्रिसमस पर्व पर हमें मन को टटोलना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि हम प्रभु यीशु के बताए मार्ग पर चल कर मानवता की सेवा कर सकें.

उदयपुर में क्रिसमस पर विशेष प्रार्थना: क्रिसमस का पर्व उदयपुर में भी पुरे उत्साह के साथ मनाया गया. इस मौके पर विशेष प्रार्थना सभाओं में लोग शामिल हुए. उदयपुर के सबसे पुराने चर्च शेफर्ड मेमोरियल चर्च में सुबह से लोग सजधज कर पहुंचे और वहां चल रही प्रार्थना सभाओं में शामिल हुए. इस दौरान फादर ने सभी को ईसा मसीह के संदेश को पढ़ कर सुनाया. इसके बाद सभी ने एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाई दी.

मानवता की भलाई के लिए हुआ ईसा मसीह का जन्म: खेतड़ी नगर के थर्ड सेक्टर स्थित चर्च में बुधवार को क्रिसमस डे मनाया गया. कार्यक्रम में जेसविन ने कहा कि मानवता की भलाई के लिए परमात्मा ने ईसा मसीह को सबसे महान और अमूल्य उपहार के रूप में संसार को भेंट किया. 25 दिसंबर के दिन ही प्रभु यीशु ने मैरी और जोसेफ नाम दंपती के घर बेथलेहम में जन्म लिए था. ईसा मसीह का जन्म इस पृथ्वी पर ऐसे समय में हुआ था, जिस समय समाज में लालच, नफरत, अंधविश्वास और हिंसा जैसी कुरीतियां विराजमान हो चुकी थी. सुशील डेविड ने कहा कि यह पर्व प्रेम, शांति, आनंद एवं प्यार का प्रतीक है. उन्होंने प्रभु यीशु के जीवन पर प्रकाश डाला.

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