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कचरे में गई किसानों की कमाई, यहां 100 रुपए में मिल रही कई कुंतल सब्जी पर फेंकने JCB बुलाई - Indore Quintals Vegetable in Rs 100

इंदौर की चोइथराम सब्जी मंडी में किसानों को सब्जियों के खरीददार नहीं मिल रहे हैं. मंडी में सब्जी की आवक दोगुना होने से कई सब्जियों के दाम 10 रुपए किलो से भी कम हैं. इसी वजह से किसान उस सब्जी को मंडी में ही फेंककर जाने को मजबूर हैं.

Indore Quintals Vegetable In Rs 100
इंदौर में सब्जियां फेंकने को मजबूर हैं किसान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 20, 2024, 7:32 PM IST

Updated : Jul 20, 2024, 8:07 PM IST

इंदौर: फुटकर बाजार में जहां सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं सब्जी मंडी में आलम यह है कि किसानों द्वारा लाई जा रही सब्जियों के ग्राहक ही नहीं मिल रहे हैं. लौकी, गिलकी और भिंडी को लेकर हालत यह है कि किसानों को यह सब्जी बिक नहीं पाने के कारण मंडी में ही फेंककर जानी पड़ रही है. नतीजन इंदौर मंडी से अब जेसीबी और डंपर लगाकर खराब हो रही सब्जी को फेंकवाया जा रहा है.

इंदौर में सब्जियां फेंकने को मजबूर हैं किसान (ETV Bharat)

2 रुपए किलो में बिक रही है लौकी

मालवा निमाड़ के किसानों द्वारा बारिश में अच्छी खासी मेहनत के बाद उगाई जाने वाली सब्जियों को इंदौर की चोइथराम मंडी में ग्राहक नहीं मिल रहे हैं. कई दिनों से मंडी में भिंडी सहित कई सब्जियों को कोई 10 रुपए किलो के भाव से भी खरीदने को तैयार नहीं है. लिहाजा अच्छी से अच्छी लौकी चोइथराम मंडी में 6 रुपए किलो बिक रही है. वहीं औसत दर्जे की लौकी 2 रुपए किलो के भाव से है. यही स्थिति ककड़ी को लेकर है, जिसके 50 किलो के कट्टे को 25 रुपए में खरीदा जा रहा है. इसके बावजूद ककड़ी के मंडी में खरीदार ही नहीं है. यही स्थिति गिलकी और भिंडी के हैं, जो फिलहाल 5 से 6 रुपए किलो में किसानों को बेचनी पड़ रही है.

मंडी में दोगुनी हो गई है सब्जी की आवक

दरअसल, औसत तौर पर इंदौर की चोइथराम मंडी में जितनी सब्जी सामान्य दिनों में आती थी, बारिश के सीजन में दोगुनी हो गई है. आवक दुगनी होने से जाहिर है सब्जियों के दाम घट जाते हैं. इसके अलावा इन दिनों मंडी में सामान्य दिनों की तुलना में खरीददार भी कम है. इस कारण सब्जियों को खरीदने वाला कोई नहीं है. मंडी में सब्जी विक्रेता रवि और जिमी चौहान बताते हैं कि सब्जियों के भाव नहीं मिल पाने के कारण अब तक किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है. यही हालत सब्जी खरीदने वाले थोक खरीदारों की है, जिनके द्वारा किसानों से खरीदा जाने वाला माल फुटकर ग्राहक भी नहीं खरीद रहे हैं.

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मंडी में सब्जी फेंकने को मजबूर हैं किसान

19 जुलाई और 20 जुलाई को सब्जियों के दामों में महज 2 रुपए किलो की बढ़ोतरी देखी गई है, लेकिन फिर भी बची हुई सब्जियों के ग्राहक नहीं मिलने पर या तो सब्जी को मंडी में ही फेंकना पड़ रहा है या फिर गौशाला वाले लोगों को मुफ्त में देना पड़ रहा है. इधर सब्जी मंडी में किसानों द्वारा फेंकी गई सब्जी को खाद बनाने के लिए नगर निगम द्वारा जेसीबी और डंपरों से उठाया जा रहा है. सब्जी मंडी के अध्यक्ष सुंदरदास माखीजा के मुताबिक ''बारिश में ककड़ी, गिलकी, भिंडी और लौकी निमाड़ के विभिन्न जिलों में अच्छी खासी पैदावार होती है, जिसे शहर की चोइथराम मंडी में बेचने के लिए किसान आते हैं, लेकिन इस बार इन सब्जियों की आवक दुगनी मात्रा में हो रही है, इसलिए इन्हें ग्राहक नहीं मिल पा रहे हैं. इस स्थिति के कारण सब्जी उत्पादक किसानों को बड़ा घाटा झेलना पड़ रहा है.

Last Updated : Jul 20, 2024, 8:07 PM IST

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