नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड में वित्तीय अनियमितताओं के मुद्दे पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) को दी गई शिकायत पर जांच के लिए मुख्य सचिव ने कार्रवाई शुरू कर दी है. केंद्रीय सतर्कता आयोग ने मुख्य सचिव जो दिल्ली सरकार के चीफ विज़िलेंस आफिसर हैं, उनको जांच के लिए सौंपा था. सीवीओ ने इस पर कार्रवाई करते हुए सतर्कता विभाग के प्रधान सचिव को जांच की कार्रवाई शुरू करने के लिए सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं.
दिल्ली जल बोर्ड में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता की शिकायत 5 सितंबर को विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने की थी. उन्होंने बताया कि सितंबर 2024 को दिल्ली जल बोर्ड में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयुक्त को भेजी गई थी. इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए चीफ़ विज़िलेंस आफिसर ने इसे दिल्ली के मुख्य सतर्कता अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दिया था. अब चीफ़ विज़िलेंस आफिसर ने सीवीसी की संस्तुति के आधार पर इस शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए सतर्कता विभाग के प्रधान सचिव को दस्तावेज सौंप दिये हैं.
आतिशी ने रिपोर्ट को छुपाया: नेता विपक्ष के अनुसार दिल्ली के मुख्य सचिव की तरफ से 15 मार्च 2024 को दिल्ली की तत्कालीन जल मंत्री आतिशी को दिल्ली जल बोर्ड में वित्तीय अनियमितताओं पर एक रिपोर्ट विधानसभा के सदन में सौंपी गई थी, लेकिन आतिशी ने रिपोर्ट को छुपा लिया और विधानसभा के पटल पर सदस्यों को यह रिपोर्ट वितरित नहीं की गई. इस रिपोर्ट में पिछले दस सालों में जल बोर्ड द्वारा जो कुल 73,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया उसे जल बोर्ड द्वारा लौटाने में असमर्थता का भी जानकारी दी गई थी.
इसके अलावा रिपोर्ट में विभिन्न वित्तीय अनियमितताओं की जानकारी दी गई थी, लेकिन अपनी कारगुजारियों को छिपाने के लिए मंत्री ने इसे अपने ऑफिस में ही दबाकर रख दिया और विधानसभा में प्रस्तुत नहीं किया. क्योंकि यदि यह रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखी गई तो 'आप' सरकार के भ्रष्टाचार और करोड़ों रुपयों की हेराफेरी जनता के सामने आ जाएगी.