रांची: झारखंड में लगातार बर्ड फ्लू के मामले सामने आ रहे हैं. अप्रैल महीने में होटवार क्षेत्र में बर्ड फ्लू की पुष्टी होने के बाद रांची में पिछले दिनों मोराबादी इलाके में एक बार फिर बर्ड फ्लू के संक्रमण पाए गए हैं, जिसकी वजह से जिला प्रशासन में उन क्षेत्रों में मुर्गे की बिक्री पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है.
कोलकाता लेबोरेटरी से रिपोर्ट आने के बाद जिन क्षेत्रों के मुर्गियों में H5N1 के वायरस पाए गए हैं, उन क्षेत्रों में जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से मुर्गे की बिक्री पर रोक लगा दी है. वहीं, उस क्षेत्र में सभी मुर्गियों को मारने का भी दिशा निर्देश जारी किया गया है. इसके अलावा संबंधित कर्मचारियों और चिकन से जुड़े कारोबारियों को आइसोलेट करने की व्यवस्था की गई है. जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग ने H5N1 के वायरस से ग्रसित मुर्गों को अलग करने के लिए एक टीम का गठन किया है, जो लगातार काम कर रही है.
चिकन कारोबारियों की बिक्री में 30 से 40 प्रतिशत की आई कमी
बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद राजधानी में चिकन और अंडे से जुड़े व्यापार करने वाले व्यापारियों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कांटा टोली स्थित चिकन दुकान के मालिक मोहम्मद सिराज बताते हैं कि जब से राजधानी में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है तब से चिकन के दुकानों में बिक्री 30 से 40 प्रतिशत घट गई है. वहीं, चिकन का व्यापार कर रहे हैं मोहम्मद आबिद बताते हैं कि सिर्फ चिकन की दुकानों पर ही नहीं बल्कि शहर में फास्ट फूड की दुकान चलाने वाले छोटे व्यापारियों को भी खासा नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि ज्यादातर फूड आइटम में चिकन और अंडे का उपयोग किया जाता है.
कारोबारियों ने बताया कि अभी शादी का सीजन चल रहा है, फिर भी चिकन और अंडे की बिक्री काफी कम है. व्यापारियों ने बताया कि शादी के समय में बड़े-बड़े होटलों में चिकन के आर्डर आते थे लेकिन बर्ड फ्लू की पुष्टि की वजह से चिकन के आर्डर कैंसिल हो रहे हैं. चिकन से जुड़े कारोबारी ने बताया कि रांची जिला में कम से कम 1000 से 1200 छोटे-बड़े दुकान संचालित हो रहे हैं और करीब-करीब सभी दुकानों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद बिक्री काफी घट गया है. एक दुकान से प्रतिदिन एक क्विंटल चिकन की बिक्री होती थी तो अब सिर्फ 40 से 50 किलो बिक्री हो रही है.