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कबाड़ से जुगाड़ देख राज्यपाल भी चमके, आदिवासियों के हो गए मुरीद, बना दी ऐसी-ऐसी चीजें - Governor in Chhindwara - GOVERNOR IN CHHINDWARA

जो चीज किसी काम की ना बची हो उसे कबाड़ समझ कर फेंक दिया जाता है. लेकिन छिंदवाड़ा के आदिवासियों ने कबाड़ से ऐसा जुगाड़ किया कि राज्यपाल भी उनके मुरीद हो गए. यहां एक आदिवासी गांव में कबाड़ से स्वच्छता पार्क बनाकर पर्यावरण को संवारने का संदेश दिया गया है, जिसके शुभारंभ पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल पहुंचे.

CHHINDWARA NEWS KABAD SE JUGAD
कबाड़ से जुगाड़ देख राज्यपाल भी चमके (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 28, 2024, 10:57 AM IST

छिन्दवाड़ा :राज्यपाल मंगुभाई पटेल अपने दो दिवसीय छिंदवाड़ा प्रवास के दौरान तामिया विकासखंड की ग्राम पंचायत छिंदी पहुंचे. यहां उन्होंने स्वच्छता ही सेवा अभियान के जिला स्तरीय कार्यक्रम अंतर्गत 'स्वच्छता पार्क- कबाड़ से जुगाड़' का शुभारंभ किया. छिंदी गांव में पार्क बनाने के लिए बिना लागत के पुरानी इमारतों और बेकार पड़ी सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया है. इसमें कवेलू, शीट, पाइप, लकड़ी, पुराने टायर, साइकिल, बांस और पीपे शामिल हैं. इन वस्तुओं को रचनात्मक ढंग से उपयोग में लाते हुए, पार्क को न केवल सजावटी बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी बनाया गया है.

स्वच्छता पार्क का जायजा लेते राज्यपाल (Etv Bharat)

पर्यावरण संरक्षण के लिए अनूठी पहल

यह स्वच्छता पार्क अपनी विशिष्टता और रचनात्मकता के लिए जाना जाएगा, क्योंकि इसे कबाड़ से तैयार की गई सामग्री के माध्यम से सजाया और संवारा गया है. कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन और सीईओ जिला पंचायत अग्रिम कुमार के नेतृत्व में इस पार्क को विकसित किया गया है, जो स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनूठी पहल के रूप में उभरा है.

स्थानीय आदिवासियों से चर्चा करते राज्यपाल (Etv Bharat)

कबाड़ भी बड़े काम का

इस स्वच्छता पार्क की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां अनुपयोगी मानी जाने वाली सामग्रियों को पुनः उपयोगी बनाकर आकर्षक सजावट के रूप में ढाला गया है. इससे न केवल बेकार वस्तुएं पुनः उपयोग में लाई जा रही हैं, बल्कि प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता की दिशा में एक नई शुरुआत हो रही है.

छिंदवाड़ा दौरे पर राज्यपाल (Etv Bharat)

कबाड़ के जुगाड़ से बनाए गए पार्क की प्रमुख विशेषताएं

  • बाउंड्री वॉल : पुरानी लकड़ियों, बांस और कवेलू से आकर्षक बाउंड्री वॉल तैयार की गई है.
  • कुआं और बैठने की व्यवस्था : पुराने टायर, बांस और बैरल से कुआं, गमले और बैठने की जगहों का निर्माण किया गया है.
  • पैदल पथ :ईंटों और कवेलू से सुंदर और सुसज्जित पैदल पथ का निर्माण किया गया है.
  • सजावटी साइकिल :पुरानी साइकिलों को रंग कर पार्क में शो-पीस के रूप में सजाया गया है.
  • आर्ट पीस :लोहे की सामग्रियों से कलात्मक ढंग से खूबसूरत कलाकृतियां बनाई गई हैं.
  • बैठने की व्यवस्था :पुरानी बैंचों का पुनः उपयोग करके आरामदायक बैठने की जगहें तैयार की गई हैं.

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पर्यावरण और स्वच्छता का संदेश दे रहे ग्रामीण

यह स्वच्छता पार्क पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करेगा, जहां बेकार वस्तुओं के रचनात्मक उपयोग से स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नए आयाम स्थापित किए गए हैं। 'कबाड़ से जुगाड़' की इस अवधारणा ने दिखाया है कि कैसे अनुपयोगी वस्तुओं को रचनात्मकता के साथ उपयोगी और आकर्षक बनाया जा सकता है. जिला पंचायत सीईओ अग्रिम कुमार ने बताया, '' राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने इस अनूठी पहल की सराहना की, जिसमें कबाड़ से तैयार की गई वस्तुओं को स्वच्छता और सजावट के रूप में उपयोग किया गया है. उन्होंने इस पहल को प्रदेश के लिए एक सकारात्मक उदाहरण बताया है.''

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