छिंदवाड़ा (महेंद्र राय): खाने के लिए सबसे हेल्दी सीजन ठंड का माना जाता है. अगर इस समय देसी खाने का स्वाद चखने को मिल जाए तो क्या कहने, मजा आ जाएगा. तो चलिए कुछ देसी डिश के बारे में जानते हैं. छिंदवाड़ा में 14 और 15 जनवरी को श्रीअन्न (मिलेट्स) फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. जिला स्तरीय मिलेट्स फूड फेस्टिवल में श्रीअन्न फसलों कोदो, कुटकी, सवां, ज्वार, बाजरा एवं रागी से बनी डिश खाने को मिलेगी.
देसी व्यंजनों के 30 से अधिक फूड स्टॉल लगेंगे
जिला स्तरीय मिलेट्स फूड फेस्टिवल में लगभग 30 से अधिक व्यंजनों के स्टॉल लगाये जायेंगे. जिसमें पातालकोट की रसोई एवं वनभोज की रसोई द्वारा मक्के की रोटी, टमाटर की चटनी, बैंगन भर्ता, कुटकी चावल, मिलेट्स के चीले डोसा, रागी सूप और मक्के की भेल का स्वाद ले सकेंगे. इसके साथ ही कुटकी की खीर, महुआ की पूड़ी, मक्के का खुद, महेरी, लड्डू, मकर संक्रांति स्पेशल मिठाइयां एवं बाजरे की खिचड़ी आदि देसी व्यंजन के स्टॉल प्रमुख रहेंगे. स्टॉलों द्वारा ज्वार, बाजरा, कोदो, कुटकी, रागी आदि से बनने वाले व्यंजन परोसे जाएंगे.
विद्यार्थियों के लिए तकनीकी मिलेट्स गैलरी
मिलेट्स फूड फेस्टिवल में तकनीकी मिलेट्स गैलरी बनाई गई है. जिसमें आकर्षक तरीके से विद्यार्थियों, नव युवकों और अन्य शहरवासियों को मिलेट्स के प्रति जागरूक किया जायेगा. वहीं, शहर के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों का भ्रमण भी इस गैलरी में कराया जाएगा. जिससे विद्यार्थी मिलेट्स के लाभों के प्रति जागरूक हो सकें.
मिलेट्स की ब्रांड वैल्यू बढ़ाने की कोशिश
कृषि उपसंचालक जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि "जिले के मिलेट्स उत्पादों का प्रचार प्रसार करने, श्रीअन्न मिलेट्स फसलों की ब्रांड वैल्यू को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही किसानों, युवा, उद्यमियों, एफपीओ और उपभोक्ताओं को जोड़ने के लिए मिलेट्स मेला का आयोजन किया जा रहा है. यह मेला 14 और 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक चलेगा. इसमें मिलेट्स से बने व्यंजनों का लुत्फ अपने परिवार के साथ मेले में आकर उठा सकते हैं."
आदिवासी संस्कृति की दिखेगी झलक
उप संचालक कृषि जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि "फूड फेस्टिवल में जिले के एफपीओ, स्व-सहायता समूहों, एनजीओ और निजी संस्थाओं द्वारा विभिन्न फूड स्टॉल लगाए जाएंगे. जहां मिलेट्स से बने व्यंजनों का प्रदर्शन और बिक्री की जाएगी. इसके अलावा जिले के प्रसिद्ध हैंडीक्राफ्ट उत्पाद भी प्रदर्शित किए जाएंगे. इस आयोजन में जिले के आदिवासी अंचलों की संस्कृति को लोक नृत्य और लोकगीतों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा."