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एक क्लिक में जानिए छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर कौन मारेगा बाजी , संसद पहुंचने की रेस में किस पार्टी का पलड़ा भारी  ? - LS Polls Results - LS POLLS RESULTS

देश में छह चरणों का चुनाव समाप्त हो गया है. छत्तीसगढ़ में तीन चरणों के चुनाव में जनता ने अपना फैसला ईवीएम में कैद कर दिया है. अब सबकी निगाहें चार जून पर टिकी है. जून चार को किसकी सरकार बनेगी इस पर सभी राजनीतिक पंडित और विश्लेषक अपना अपना मत रख रहे है. ऐसे में हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ की सियासी फिजा क्या कह रही है. LS POLLS RESULTS

Chhattisgarh Lok Sabha Seat Status
छत्तीसगढ़ में किसे मिलेगा जनता का आशीर्वाद (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 18, 2024, 6:41 PM IST

Updated : May 31, 2024, 5:08 PM IST

रायपुर: लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम दौर में पहुंच चुका है. एनडीए और इंडी गठबंधन दोनों की तरफ से दावों और प्रतिदावे जारी है. इंडी गठबंधन एकजुटता की बात कह रहा है और चुनाव में जीत का दावा भी कर रहा है. दूसरी ओर एनडीए गठबंधन तीसरी बार सत्ता में आने की बात कह रहा है. इन सबके बीच छत्तीसगढ़ में चुनावी लड़ाई में कौन उन्नीस और कौन बीस साबित होने जा रहा है. किस सीट पर किनके बीच जोरदार मुकाबला है. ऐसी कौन कौन सी सीट है जहां इस बार बाजी पलट सकती है. किस सीट पर कौन सा वर्ग गेमचेंजर साबित हो सकता है. जनता ने क्या सोचकर इस बार वोट किया. कौन कौन से मुद्दे इस बार छत्तीसगढ़ में हावी रहे. इस सबका जवाब चार जून को मिलेगा लेकिन उससे पहले इस लेख के जरिए आप जान सकते हैं कि छत्तीसगढ़ में लोकसभा दंगल कितना दमदार रहा और यहां से संसद पहुंचने की रेस में किस पार्टी का पलड़ा भारी है

छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में लोकसभा चुनाव पूरे हुए. यहां 19 अप्रैल, 26 अप्रैल और 7 मई को मतदान हुआ. इस तरह तीन फेज में कुल 11 सीटों पर वोटिंग हो गई. कई सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली. पहले फेज में 19 अप्रैल को बस्तर लोकसभा सीट पर चुनाव हुआ. दूसरे फेज में महासमुंद, राजनांदगांव और कांकेर में 26 अप्रैल को वोटिंग हुई. तीसरे फेज में रायपुर, बिलासपुर, जांजगीर चांपा, रायगढ़, कोरबा, सरगुजा और दुर्ग लोकसभा सीट पर सात मई को चुनाव खत्म हुआ. अब सभी 11 सीटों पर उम्मीदवारों का फैसला वोटरों ने ईवीएम में कैद कर दिया है.

11 सीटों पर है जोरदार लड़ाई: लोकसभा चुनाव 2024 में परिणाम को लेकर कयासों का दौर जारी है. छत्तीसगढ़ के 11 सीटों में अधिकांश पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच टफ फाइट है. इस बार दोनों ही पार्टियों ने उम्मीदवारों के चयन से लेकर चुनाव प्रचार तक में नए नए हथकंडों का प्रयोग किया. नक्सलवाद, गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, विरासत टैक्स, महिला आरक्षण, राम मंदिर और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़ा गया. बीजेपी और कांग्रेस में इस दौरान खूब जुबानी जंग भी देखने को मिली. अब चार जून पर सबकी नजरें टिकी हुई है. इस दिन संसद पहुंचने की रेस में कौन सा दल कमाल करता है यह देखने वाली बात होगी

बस्तर लोकसभा सीट (ETV BHARAT)

बस्तर लोकसभा सीट: बस्तर लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिली. 19 अप्रैल को बस्तर का महाभारत खत्म हुआ. बीजेपी ने बस्तर से सबसे आम चेहरे महेश कश्यप को चुनावी मैदान में उतारा. आदिवासी वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के लिए बीजेपी ने दांव खेला और सबसे नए चेहरे को यहां से मौका दिया. जबकि कांग्रेस ने सुकमा के कोंटा से मौजूदा विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को चुनावी रण में उतारा. इस सीट पर महेश कश्यप और कवासी लखमा के बीच सीधी फाइट देखने को मिली. दूसरी तरफ इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार और विदेश से डॉक्टरी की पढ़ाई कर चुके प्रकाश कुमार गोटा ने भी सुर्खियां बटोरी. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी. यहां से दीपक बैज ने चुनाव जीता था. यहां आदिवासी वोटरों का आशीर्वाद जिस दल को मिलेगा उसकी जीत होगी. ट्राइबल बेल्ट में हमेशा से आदिवासी निर्णायक रहे हैं.

राजनांदगांव लोकसभा सीट (ETV BHARAT)

राजनांदगांव लोकसभा सीट: दूसरे चरण में 26 अप्रैल को जिस सीट पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई थी. वह लोकसभा क्षेत्र राजनांदगांव रहा. यहां कांग्रेस ने सबसे बड़ा चुनावी दांव खेला और पूर्व सीएम भूपेश बघेल को चुनावी मैदान में उतार दिया. भूपेश बघेल दुर्ग के पाटन से विधायक हैं. बीजेपी ने इस लोकसभा सीट से अपने मौजूदा सांसद संतोष पांडेय को टिकट दिया. राजनांदगांव लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ रहा है. यहां से पूर्व सीएम रमन सिंह भी सांसद रहे. उसके बाद उनके बेटे अभिषेक सिंह भी इस लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया. यहां की राजनांदगांव, कवर्धा और पंडरिया विधानसभा सीट से बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के दिग्गज मंत्री मोहम्मद अकबर को कवर्धा में हार का सामना करना पड़ा था. राजनांदगांव में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के वोटरों का जिस पार्टी को आशीर्वाद मिलेगा उसकी जीत होगी.

महासमुंद लोकसभा सीट (ETV BHARAT)

महासमुंद लोकसभा सीट: दूसरे फेज में 26 अप्रैल को हुए चुनाव में जो सबसे ज्यादा हॉट सीट चर्चा में रही वह सीट महासमुंद है. यहां पर कांग्रेस ने अपने वेटरन लीडर और पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को चुनावी मैदान में उतारा. जबकि बीजेपी ने महिला उम्मीदवार रूप कुमारी चौधरी पर भरोसा जताया. इस सीट पर दोनों नेताओं के बीच जबरदस्त फाइट देखने को मिली. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में राज्य में बीजेपी को दमदार जीत मिली. दूसरी ओर मोदी की गारंटी के दम पर बीजेपी यहां जीत का दावा कर रही है. जबकि कांग्रेस ने मोदी की गारंटी को फेल बताकर जनता के सामने नए वादे किए. उस आधार पर यहां कांग्रेस जीत की राह खोजती नजर आई. महासमुंद में ओबीसी वोटर जिसकी ओर झुकेंगे वह कमाल कर जाएगा. चाहे वह रूप कुमारी चौधरी हो या ताम्रध्वज साहू.

कांकेर लोकसभा सीट (ETV BHARAT)

कांकेर लोकसभा सीट: 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे फेज के तहत जिस सीट पर चुनाव हुआ उसमें कांकेर लोकसभा सीट भी आता है. कांकेर बस्तर संभाग के उत्तर बस्तर जिले में आता है. यहां आदिवासी वोटरों के साथ साथ बंगाली समुदाय के वोटरों की संख्या ज्यादा है. ट्राइबल वोट यहां सबसे बड़ा फैक्टर है. यही वजह है कि बीजेपी ने यहां से आदिवासी बैगा समुदाय से आने वाले भोजराज नाग को प्रत्याशी बनाया. भोजराज नाग लगातार वोटरों के बीच जाकर ये दावा करते रहे कि वह आदिवासी समाज से हैं और स्थानीय हैं. दूसरी ओर कांग्रेस ने कांकेर लोकसभा सीट से बीरेश ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा. बीरेश ठाकुर ने कांग्रेस के वादों के आधार पर यहां चुनावी फाइट दी. कांकेर सीट पर एसटी वोटर्स और बंग समुदाय के वोटर्स का रुझान जिसकी ओर होगा. उस पार्टी का उम्मीदवार यहां सिकंदर बनेगा.

रायपुर लोकसभा सीट (ETV BHARAT)

रायपुर लोकसभा सीट: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव का तीसरा फेज सात मई को संपन्न हुआ. इस फेज में सबसे ज्यादा चर्चा रायपुर लोकसभा सीट की रही. यहां बीजेपी ने वेटरन लीडर और मौजूदा विधायक बृजमोहन अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतारा. बृजमोहन अग्रवाल साय सरकार में स्कूली शिक्षा मंत्री हैं. इससे पहले वह रमन सरकार में भी मंत्रीपद संभाल चुके हैं. छत्तीसगढ़ बीजेपी में सीनियर लीडर में उनकी गिनती होती है. जबकि कांग्रेस ने इस सीट से चुनावी दंगल में पूर्व विधायक विकास उपाध्याय पर भरोसा जताया. विकास उपाध्याय कांग्रेस के युवा ब्रिगेड के बड़े चेहरे माने जाते हैं. दोनों ने इस सीट पर जीत का दावा किया है. चार जून को नतीजों में देखना होगा कि किसका दावा यहां सही साबित होता है. रायपुर में शहरी क्षेत्रों के मतदाता का आशीर्वाद जिसे मिलेगा वह पार्टी यहां कमाल कर जाएगी.

बिलासपुर लोकसभा सीट (ETV BHARAT)

बिलासपुर लोकसभा सीट की फाइट कितनी टाइट: बिलासपुर छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा जिला और शहर है. इसे न्यायधानी के तौर पर जाना जाता है. बिलासपुर बीजेपी का गढ़ माना जाता है. इस लोकसभा सीट पर शहरी और ग्रामीण दोनों तरह के मतदाता है. बीजेपी ने बिलासपुर से तोखन साहू को चुनाव लड़ाया और साहू कार्ड का दांव खेला. दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस सीट पर भिलाई से मौजूदा विधायक देवेंद्र यादव को दंगल में उतार दिया. दोनों नेता युवा प्रत्याशी के तौर पर जाने जाते हैं. एक तरफ बीजेपी ने इस सीट पर मोदी की गारंटी को भुनाने की कोशिश की. तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने पार्टी की तरह से किए गए वादों को जनता के सामने रखा. संविधान को बचाने का मुद्दा भी इस सीट पर हावी रहा.

कोरबा लोकसभा सीट (ETV BHARAT)

कोरबा लोकसभा सीट पर कांटे की टक्कर: छत्तीसगढ़ की कोरबा लोकसभा कांस्टेंसी सबसे हाई प्रोफाइल सीट में गिनी जाती है. कोरबा को ऊर्जाधानी भी कहा जाता है. इस लोकसभा का क्षेत्र सरगुजा और बिलासपुर संभाग के क्षेत्रों में भी पड़ता है. यहां से कांग्रेस ने ज्योत्सना महंत को मैदान में उतारा. ज्योत्सना महंत छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की पत्नी हैं. चरणदास महंत कांग्रेस के सीनियर लीडर में गिने जाते हैं. इसलिए इस सीट पर चरणदास महंत ने चुनावी प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी. बीजेपी ने इस सीट से पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पांडे को मैदान में उतारा. सरोज पांडे छत्तीसगढ़ में सीनियर लीडर में गिनी जाती हैं. उन्हें संगठन में काम करने का लंबा अनुभव रहा है. सरोज पांडे के लिए इस सीट पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार किया. आदिवासी के साथ साथ सामान्य शहरी और ग्रामीण वोटरों को जिसका आशीर्वाद मिलेगा उस पार्टी का कैंडिडेट यहां जीत दर्ज कर सकता है.

जांजगीर चांपा लोकसभा सीट (ETV BHARAT)

जांजगीर चांपा लोकसभा सीट की जंग: जांजगीर चांपा लोकसभा सीट की जंग में बीजेपी और कांग्रेस की बीज जोरदार टक्कर देखने को मिल रही है. इस सीट पर बीजेपी के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनावी प्रचार की बागडोर संभाली. उन्होंने जांजगीर के सक्ती में बड़ी चुनावी रैली को संबोधित किया और कमलेश जांगड़े को जिताने की अपील लोगों से की. कमलेश जांगड़े महिला नेता के तौर पर इस इलाके में फेमस हैं. बीजेपी ने महिला वोटरों को साधने के लिए उन्हें चुनावी मैदान में उतारा. दूसरी तरफ इस सीट पर कांग्रेस ने भी पूरी ताकत झोंक दी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जांजगीर से कांग्रेस प्रत्याशी शिव डहरिया के लिए चुनाव प्रचार किया. इस सीट पर अनुसूचित जाति और ओबीसी वोट बैंक ज्यादा है. इस लिहाज से दोनों पार्टियों ने इस समाज के लोगों को लुभाने का भरसक प्रयास किया. यहां एससी, ओबीसी और रामनामी समुदाय जिसका अपना आशीर्वाद देंगे वह जीत जाएगा.

रायगढ़ लोकसभा सीट (ETV BHARAT)

रायगढ़ लोकसभा सीट का रण: रायगढ़ लोकसभा के रण की बात करें तो इस सीट पर बीजेपी ने राधेश्याम राठिया को चुनावी मैदान में उतारा. राठिया समाज से आने वाले राधेश्याम राठिया ने रायगढ़ के विकास को लेकर मोदी सरकार के विजन के आधार पर लोगों से वोट मांगने का काम किया. जबकि कांग्रेस ने इस सीट पर राजघराने से आने वाली मेनका देवी सिंह को मैदान में उतारा. मेनका देवी सिंह राजघराने से आती हैं तो उनकी भी यहां के समाज और लोगों में पैठ है. इस सीट के लिए पीएम मोदी ने सक्ती में चुनावी सभा की और राधेश्याम राठिया को जिताने की अपील की. रायगढ़ लोकसभा सीट वही सीट है जहां से विष्णुदेव साय लगातार सांसद रहे हैं. यह सीट बीजेपी के गढ़ के तौर पर जाना जाता है.

दुर्ग लोकसभा सीट (ETV BHARAT)

दुर्ग लोकसभा सीट का दंगल: दुर्ग लोकसभा सीट का दंगल भी साल 2024 के लोकसभा चुनाव में छाया रहा. यहां से बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद विजय बघेल को चुनावी जंग में सेनापति बनाया. दूसरी तरफ कांग्रेस ने राजेंद्र साहू को मैदान में उतार कर ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश की. इस सीट पर ओबीसी और साहू वर्ग के वोटरों की तादाद अच्छी खासी है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल दुर्ग के पाटन से विधायक हैं लिहाजा उन्होंने कांग्रेस के वादों को जनता तक पहुंचाते हुए राजेंद्र साहू के पक्ष में ताबड़तोड़ प्रचार किया. इस सीट पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी चुनावी सभाएं की. विजय बघेल को चुनाव में जिताने की अपील लोगों से की. इस सीट पर भी ओबीसी फैक्टर हावी है. ओबीसी वर्ग का जिस पार्टी को ज्यादा साथ मिलेगा उसका जादू यहां चल जाएगा.

सरगुजा लोकसभा सीट (ETV BHARAT)

सरगुजा लोकसभा सीट का संग्राम: सरगुजा लोकसभा सीट पर चुनावी संग्राम का दिलचस्प रूप देखने को मिला. इस सीट से बीजेपी ने कांग्रेस के पूर्व विधायक चिंतामणि महाराज को टिकट दिया. चिंतामणि महाराज छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में टिकट नहीं मिलने से कांग्रेस से नाराज हो गए और उसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया. चिंतामणि महाराज का गाहिरा समाज पर अच्छा खासा प्रभाव है. वह यहां लोकप्रिय नेता के तौर पर जाने जाते हैं. कांग्रेस ने इस बार इस सीट से राहुल गांधी की करीबी माने जाने वाली नेता शशि सिंह को टिकट दिया. सरगुजा लोकसभा सीट पर चुनावी कैंपेन में पीएम मोदी भी शामिल हुए थे. यहीं से पीएम मोदी ने कांग्रेस पर विरासत टैक्स को लेकर हल्ला बोला था. सरगुजा सीट पर गाहिरा समाज, आदिवासी वोटरों और शहरी वोटरों का जिसे साथ मिलेगा वह पार्टी यहां अपना जलवा दिखाने में कामयाब हो सकेगी.

छत्तीसगढ़ में लोकसभा की कुल 11 सीटों पर तीन चरणों में चुनाव के बाद अब लोगों की नजरें चार जून पर टिकी हैं. इस दिन चुनावी नतीजें आएंगे. साल 2019 में बीजेपी को कुल 9 सीटें चुनाव में मिली थी. जबकि कांग्रेस सिर्फ दो सीटें ही जीत पाई थी. इस बार कांग्रेस और बीजेपी दोनों की तरफ से जोरदार टक्कर देखने को मिली है. अब देखना होगा कि चार जून को कौन सी पार्टी होली और दिवाली दोनों एक साथ मनाती है. चार जून को लेकर राजनीतिक दलों में बेचैनी बढ़ती जा रही है. बीजेपी और कांग्रेस लगातार जीत के दावे कर रही है. ये जीत के दावों की सच्चाई चार जून को पता चलेगी.

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Last Updated : May 31, 2024, 5:08 PM IST

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