रायपुर:छत्तीसगढ़ के किसान भी गेंदा फूल की खेती उन्नत तकनीक से करके मालामाल हो सकते हैं. प्रदेश के किसानों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा, जिससे लाखों की कमाई आसानी से कर सकते हैं. ऐसा करके प्रदेश के किसान आसानी से गेंदा फूल की खेती कर सकते हैं. गेंदा फूल की खेती करके प्रदेश के किसान अच्छी आमदनी और आय भी अर्जित कर सकते हैं. प्रदेश में गेंदा की दो प्रमुख किस्मों की खेती की जा सकती है, जिसमें अफ्रीकन गेंदा और फ्रेंच गेंदा प्रमुख है. अधिक बारिश और अधिक गर्मी के समय गेंदा की खेती नहीं हो पाती है.
आइए जानते हैं गेंदा की खेती कैसे और कब करनी चाहिए? किस विधि से गेंदा की खेती की जाए, जिससे अधिक पैदावार होने के साथ ही अधिक आमदनी भी किसान अर्जित कर सकते हैं.
जानिए कैसे होती है इसकी खेती: रायपुर के महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुल सचिव आरएल खरे ने कहा, "प्रदेश में अफ्रीकन गेंदा और फ्रेंच गेंदा फूल की खेती प्रदेश के किसान आसानी से कर सकते हैं. अफ्रीकन गेंदा का पौधा बड़ा होने के साथ ही फूल का आकार भी बड़ा होता है. गेंदा फूल का दूसरा किस्म फ्रेंच है, जो रंग बिरंगी होने के साथ ही इसमें शाखाएं बहुत ज्यादा होती है. गेंदा फूल को लगाने के लिए दो प्रमुख विधियां हैं, जिसमें पहला बीज के माध्यम से गेंदा फूल की खेती की जा सकती है. दूसरा कटिंग के माध्यम से गेंदा फूल की खेती प्रदेश के किसान आसानी से कर सकते हैं. किसान साल में तीन बार गेंदा फूल के बीज की बुवाई कर सकते हैं."
खेती के समय इन बातों का रखें खास ध्यान:
साल में गेंदा फूल की खेती अप्रैल से जुलाई के महीने के मध्य आसानी से प्रदेश के किसान कर सकते हैं.
गेंदा फूल के बीज की बुवाई करने के 65 से 70 दिनों के बाद फल प्राप्त होने होने लगते हैं.
पहले नर्सरी बनाकर पौधरोपण किया जाता है.
गेंदे की खेती करते समय किसानों को विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखना होता है.
अधिक बारिश और गर्मी के समय गेंदा फूल की खेती करते हैं, तो फूल की गुणवत्ता खराब हो जाती है.
अफ्रीकन गेंदा को 60×30 सेंटीमीटर की दूरी में लगाना चाहिए.
फ्रेंच गेंदा को 30×30 सेंटीमीटर की दूरी में लगाना चाहिए.