हरेली के दिन छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों का हल्ला बोल, पेंडिंग सैलरी और स्थाई नौकरी की मांग - forest workers union protest - FOREST WORKERS UNION PROTEST
छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ ने रविवार को अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
हरेली के दिन छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों का हल्ला बोल (ETV Bharat)
बिलासपुर:पूरे प्रदेश भर में छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वनकर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल दिया है. संघ ने नियमितीकरण और स्थाईकरण सहित अलग-अलग समस्याओं के निराकरण के लिए विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है. बिलासपुर में वनकर्मचारियों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर उप-मुख्यमंत्री अरुण साव के बंगले का घेराव कर ज्ञापन सौंपा है. साथ ही जल्द मांग पूरी होने की मांग की है.
प्रदर्शनकारियों ने दी चेतावनी: पूरे प्रदेश के दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ अपनी मांग को लेकर रविवार को प्रदेश के वन मंत्री, वित्त मंत्री के बंगले का घेराव करने पहुंचे. इसी तरह बिलासपुर, मुंगेली, लोरमी, अचानकमार बफरजोन, गौरेला पेंड्रा मरवाही के हजारों दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी नेहरू चौक पहुंचकर उपमुख्यमंत्री अरूण साव के बंगले का घेराव कर ज्ञापन सौंपने का काम किया. साथ ही अपनी मांगें पूरी करने की बात कही. कर्मचारियों ने मांगें पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
"हमारी मांगें आज से नहीं सालों से है. सरकार हमें अपने हाथ की कठपुतली समझती है. पूर्व सरकार बोलती है हम नियमितीकरण कर देंगे अगर सरकार बन जाती है.वर्तमान सरकार बोलती है कि हम आपके वादे पूरे कर देगें, अगर सरकार बन जाती है. लेकिन वो सरकार बनने के बाद अपना वादा भूल जाते हैं.हम आज भी हड़ताल कर रहे हैं और कल भी करेंगे. हमारा प्रयास तब तक जारी रहेगा, जब तक हमारा अधिकार हमको नहीं मिल जाता. हमें हमारा नियमितीकरण सरकार दे दे, हम उनसे यही गुजारिश कर रहें हैं."-नितिन क्षत्रीय, प्रदर्शनकारी
जानिए क्या है प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें:
वन विभाग में दिनांक 5/3/2008 के पहले से 31/12/ 2017 तक काम कर रहे सभी दैनिक वेतन भोगियों का नियमितिकरण किया जाए.
वन विभाग में दिनांक 31/12/17 के बाद काम कर रहे दैनिक वेतन भोगी दैनिक श्रमिकों को स्थाई किया जाए.
वन विभाग के अंतर्गत काम कर रहे दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों का जब तक नियमितीकरण नहीं हो जाता, तब तक वन विभाग में तृतीय-चतुर्थी श्रेणी के रिक्त पदों के सीधी भारती पर तत्काल रोक लगाई जाए.
श्रम आयुक्त दर पर काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी दैनिक श्रमिक, कार्यालय सहायक, वाहन चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए कार्यभारित आकस्मिता निधि सेवा लागू किया जाए.
दैनिक वेतन भोगियों के लंबित वेतन का भुगतान किया जाए.